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धार पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि महिला अपराधों में कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी, भले ही आरोपी किसी पद पर क्यों न हो।
जानें पूरा मामला
महिला का कहना है कि उसकी मुलाकात 2012-13 में आकाश धार्वे से हुई थी, जिसके बाद दोनों ने लिव-इन संबंध शुरू किया। आकाश के जनपद सीईओ बनने और नीमच ट्रांसफर के बाद भी रिश्ता जारी रहा। पर जब विवाह की बात आई, तो उसने मना कर दिया। महिला के अनुसार, गांव में पंचायत भी बुलाई गई, जिसने उसके पक्ष में फैसला दिया। कुछ समय के लिए आकाश ने महिला को अपने गांव भी रखा, लेकिन बाद में परिजनों ने उसे घर से निकाल दिया।
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महिला ने 6 फरवरी 2025 को उज्जैन-नागदा रोड पर हुए अपने कथित अपहरण को झूठा बताया है। उसने दावा किया कि आकाश धार्वे ने स्वयं पर लगे आरोपों से बचने के लिए अपहरण की साजिश रची ताकि वह खुद को निर्दोष साबित कर सके। धार पुलिस और महिला थाने की टीम ने तत्परता दिखाते हुए FIR दर्ज की और पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करवाया। धार ASP गीतेश कुमार गर्ग के अनुसार, 5 जून को महिला ने गंधवानी थाने में लिखित आवेदन दिया था। उसी आधार पर आकाश धार्वे के खिलाफ दुष्कर्म और शादी का झांसा देने के आरोप में BNS की सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
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