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विक्रम विश्वविद्यालय के गोपनीय विभाग में 4 जून को कुछ स्टूडेंट्स द्वारा काम करने को लेकर कांग्रेस से जुड़े छात्र नेता ने गंभीर आरोप लगाए थे। छात्र गोपनीय विभाग में उत्तरपुस्तिका छांटने से लेकर कोड डालने का कार्य कर रहे थे। हंगामे के बाद खबर मीडिया मे
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विक्रम विश्वविद्यालय में 4 जून को दोपहर में गोपनीय विभाग में कुछ छात्रों द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल बनाने व कोडिंग का कार्य करने को लेकर कांग्रेस से जुड़े के छात्र नेता बबलू खींची ने अनियमितता का आरोप लगाकर गोपनीय विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए थे।
छात्रों का गोपनीय विभाग में कार्य करते हुए वीडियो वायरल हुआ था। हालांकि कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज का कहना था कि गोपनीय विभाग में सभी अधिकारियों की उपस्थिति में छात्रों को गोपनीय कार्य अनुभव की जानकारी दी जा रही थी। हंगामे के बाद मामला मीडिया में भी उछला। इधर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने 5 जून को मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। इस कमेटी में व्यवसाय प्रबंधन के डीन प्रो. कामरान सुल्तान, कम्प्यूटर साइंस के डीन प्रो. उमेश कुमार सिंह और सेंट्रल लाइब्रेरी के हेड प्रो. अनिल कुमार जैन को शामिल किया है। कमेटी 10 दिन में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
इन बिंदुओं पर होगी जांच
- जांच के लिए तय बिंदुओं में गोपनीय विभाग में बाहरी व्यक्ति को अनधिकृत रूप से नहीं रोका गया।
- गोपनीय विभाग में कैमरा लेकर प्रवेश करने व वीडियो बनाने पर भी किसी ने नहीं रोका।
- विभाग के सीसीटीवी कैमरे घटनाक्रम के समय चालू थे या नहीं।
- कैमरे चालू थे तो घटना वाले दिन के बाहर और अंदर के फुटेज देखे जाएंगे।
- कमेटी इन बिंदुओं पर जांच के बाद रिपोर्ट सौंपेगी।
गोपनीय विभाग के लिए बने सख्त नियम
- विश्वविद्यालय प्रशासन ने 4 जून को हुई घटना के बाद गोपनीय विभाग में प्रवेश के लिए सख्त नियम बनाए हैं।
- नियमों के तहत अब कोई भी बाहरी व्यक्ति या छात्र सीधे गोपनीय विभाग में प्रवेश नहीं कर सकेगा।
- चैनल गेट पर जिससे मिलना है उसका नाम, संबंधित से काम और अपना नाम व मोबाइल नंबर नोट कराने के बाद ही मिल सकेंगे।
- गोपनीय विभाग में पेंडिंग कार्य कराने के लिए आवेदन लेकर संबंधित विद्यार्थियों को गोपनीय शाखा से बाहर ही बैठाया जाएगा।
- इसी तरह उत्तरपुस्तिका अवलोकन वाले विद्यार्थियों को भी अलग कक्ष में उत्तर पुस्तिका दिखाने की व्यवस्था की जाएगी।
- इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से भी गोपनीय विभाग में आने-जाने वालों पर नजर रखी जाएगी।
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