Home देश/विदेश जिद्दी IAS अफसर को हाईकोर्ट ने सिखाया सबक, आदेश की उड़ाई धज्जिया,...

जिद्दी IAS अफसर को हाईकोर्ट ने सिखाया सबक, आदेश की उड़ाई धज्जिया, सुना दी कारावास की सजा – Tamil Nadu IAS Officer Anshul Mishra Gets One Month Jail for Contempt by Madras High Court

36
0

[ad_1]

Last Updated:

IAS Anshul Mishra Jailed: तमिलनाडु के आईएएस अधिकारी अंशुल मिश्रा को मद्रास हाईकोर्ट ने आदेश की अवमानना पर एक महीने की जेल की सजा सुनाई और 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. मिश्रा ने 2023 में कोर्ट का आदेश…और पढ़ें

जिद्दी IAS को कोर्ट ने सिखाया सबक, आदेश की उड़ाई धज्जिया तो सुनाई सजा

अंशुल मिश्रा को एक महीने की जेल की सजा सुनाई गई है. (File Photo)

हाइलाइट्स

  • मद्रास हाईकोर्ट ने IAS अंशुल मिश्रा को अवमानना पर जेल भेजा.
  • मिश्रा पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
  • मिश्रा ने 2023 में कोर्ट का आदेश नहीं माना था.

नई दिल्‍ली. तमिलनाडु के एक आईएएस अधिकारी को हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना भारी पड़ गया. मद्रास हाईकोर्ट के जज आईएएस अधिकारी अंशुल मिश्रा पर इस कदर बिफर गए कि उन्‍होंने अवमानना के तहत कार्रवाई करते हुए उन्‍हें एक महीने कारावास की सजा सुना दी. इतना ही नहीं इस अधिकारी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. मिश्रा पहले चेन्‍नई मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी सीएमडीए के सचिव थे. कोर्ट ने साल 2023 में उन्‍हें जानबूझकर कर आदेश को नहीं मानने का दोषी पाया. अदालत ने मिश्रा को दो बुजुर्ग याचिकाकर्ताओं, आर. ललिताम्बाई और के.एस. विश्वनाथन को 25,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया. अंशुल मिश्रा 2004 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.

क्‍या है पूरा मामला?

यह मामला चेन्नई में एक आवासीय परियोजना से संबंधित जमीन के री-ट्रांसफर विवाद से जुड़ा है. 2023 में अदालत ने मिश्रा को याचिकाकर्ताओं के पक्ष में आदेश लागू करने का निर्देश दिया था, लेकिन उन्होंने आदेश का पालन नहीं किया. अदालत ने इसे अवमानना माना और मिश्रा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की. न्यायालय ने कहा कि मिश्रा का कृत्य जानबूझकर किया गया और निंदनीय था, जो न्यायिक प्रक्रिया का अनादर है.

नाराज हो गए जज साहब

मद्रास उच्च न्यायालय ने यह संदेश दिया कि कोई भी वरिष्ठ अधिकारी अदालत के आदेश की अवहेलना नहीं कर सकता. मिश्रा को जेल में समय बिताने और मुआवजा देने का आदेश दिया गया. यह फैसला प्रशासनिक अधिकारियों के लिए चेतावनी है कि वे अदालती आदेशों का पालन करें. यह मामला कानूनी अनुपालन के महत्व और न्यायपालिका की आम नागरिकों, विशेषकर बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इस फैसले से उम्मीद है कि भविष्य में प्रशासनिक लापरवाही कम होगी.

authorimg

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें

भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखें
homenation

जिद्दी IAS को कोर्ट ने सिखाया सबक, आदेश की उड़ाई धज्जिया तो सुनाई सजा

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here