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अस्पताल की छत पर इस तरह दवाईयां मिली है।
इंदौर के जिला अस्पताल के दवा स्टोर की छत पर लाखों रुपए की अनुपयोगी और एक्सपायर्ड दवाइयां गंदगी में पड़ी मिली। इसका पता तब चला जब एडीएम राजेंद्र रघुवंशी अचानक वहां पहुंचे और निरीक्षण किया। इनमें से कई दवाइयां ऐसी भी हैं जिनकी एक्सपायरी डेट बाकी है। मा
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दरअसल, शुक्रवार शाम को एडीएम रघुवंशी ने अपनी टीम के साथ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के अधीन जिला अस्पताल में संचालित दवा स्टोर का निरीक्षण किया। इस दौरान छत पर कार्टन, काले और नीले पॉलीथिन में भरकर भारी मात्रा में दवाएं फेंकी हुई मिलीं। ये दवाएं जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजी जानी थी लेकिन खुले में पड़ी रहने से ये खराब हो रही थी।
सिर्फ एक्सपायर्ड नहीं, कई दवाएं अभी भी उपयोगी निरीक्षण के दौरान स्टाफ का कहना था कि सभी दवाएं एक्सपायर्ड हैं लेकिन जांच में पता चला कि कई दवाएं अभी भी उपयोग की स्थिति में हैं। कुछ दवाएं 2024 में एक्सपायर्ड हुई जबकि कई 2025, 2026, 2027 और 2028 तक वैध है। अधिकांश दवाइयां 2022-23 में बनी थी जिससे स्पष्ट है कि इन्हें कभी वितरित ही नहीं किया गया।स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये दवाइयां कोविड काल की बची हुई है।
सीएमएचओ ने बताया कि इसे दिसंबर 2024 में नष्ट करने के निर्देश दिए थे लेकिन व्यस्तता के चलते नहीं किए गए। इसके लिए कमेटी भी गठित की गई है। सीएमएचओ ने माना कि स्टोर इंचार्ज ने समय पर इसे नष्ट नहीं करवाया। मामले स्टोर इंचार्ज सत्यप्रकाश इंगले सहित अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों की भूमिका अब जांच के घेरे में है।
एडीएम राजेंद्र रघुवंशी ने बताया-
मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे कलेक्टर आशीष सिंह को सौंपा जाएगा। दवा खरीद से जुड़ी फाइलों की जांच की जा रही है कि इन दवाओं को वितरित क्यों नहीं किया गया। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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