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उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन चोंगजिन बंदरगाह पर 5,000 टन के विध्वंसक जहाज के असफल लॉन्च से नाराज हैं. किम ने इसे ‘आपराधिक लापरवाही’ करार देते हुए दोषियों को कड़ी सजा देने का आदेश दिया है.
किम जोंग उन. (Reuters)
हाइलाइट्स
- किम जोंग-उन जहाज लॉन्च असफलता पर नाराज
- दोषियों को कड़ी सजा देने का आदेश
- असफलता को ‘आपराधिक लापरवाही’ करार दिया
सियोल: उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन चोंगजिन बंदरगाह पर 5,000 टन के विध्वंसक जहाज के लॉन्च में हुई शर्मनाक असफलता से भड़क गए हैं. इसे ‘आपराधिक लापरवाही’ करार देते हुए, किम ने जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा देने का फरमान सुनाया. केंद्रीय सैन्य आयोग ने शुक्रवार को इसे ‘अक्षम्य अपराध’ ठहराया और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. माना जा रहा है कि किम जोंग दोषियों को तोप के सामने खड़ा करके फायर कर सकते हैं. उत्तर कोरिया का इतिहास ऐसे क्रूर सजाओं से भरा है. 2015 में रक्षा मंत्री ह्योन योंग-चोल को कथित तौर पर तोप से उड़वाया गया था, और 2024 में बाढ़ नियंत्रण में नाकाम 30 अधिकारियों को मौत के घाट उतारा गया. इस बार भी जिम्मेदार अधिकारियों पर मौत की सजा का खतरा मंडरा रहा है.
KCNA की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को चोंगजिन शिपयार्ड में लॉन्च के दौरान जहाज का स्टर्न पर लगा परिवहन पालना टूट गया, जिससे विध्वंसक पलटकर एक तरफ लेट गया. सैटेलाइट तस्वीरों में दिख रहा है कि इसे नीले तिरपाल से ढका गया. आंशिक रूप से यह डूबा हुआ दिख रहा है. उत्तर कोरिया का दावा है कि स्टारबोर्ड साइड पर खरोंचें और स्टर्न में थोड़ा समुद्री पानी घुसा, जिसे 10 दिन में ठीक कर लिया जाएगा. लेकिन विशेषज्ञ इसे हास्यास्पद बता रहे हैं.
जहाज लॉन्च की नाकामी की सैटेलाइट तस्वीर. (Reuters)
असफलता की वजह?
सियोल की एक यूनिवर्सिटी में नौसेना विशेषज्ञ मून क्यून-सिक के अनुसार, उत्तर कोरियाई श्रमिकों को इतने बड़े युद्धपोत को संभालने का अनुभव नहीं था. यह उनके मौजूदा जहाजों से तीन गुना भारी है. जहाज को साइडवेज लॉन्च करने की कोशिश की गई, जो युद्धपोतों के लिए नया और जोखिम भरा था. भारी हथियारों से लैस होने के कारण संतुलन बिगड़ा, जिसे शायद वैज्ञानिकों ने नजरअंदाज कर दिया.
किम का तीखा रिएक्शन
यह विध्वंसक पिछले महीने पश्चिमी शिपयार्ड में लॉन्च हुए उत्तर कोरिया के सबसे बड़े युद्धपोत जैसा ही था, जिसे किम ने ‘नौसेना आधुनिकीकरण’ की मिसाल बताया था. इस असफलता ने उनकी किरकिरी कर दी. किम ने जून में वर्कर्स पार्टी की बैठक से पहले जहाज ठीक करने और पूरी जांच के आदेश दिए हैं. चोंगजिन शिपयार्ड के प्रबंधक होंग किल हो को तलब किया गया है. आयोग ने चेतावनी दी, ‘चाहे जहाज कितना भी अच्छा हो, यह अपराध माफ नहीं होगा.’ उत्तर कोरिया की गुप्त कार्यशैली के कारण सटीक जानकारी मुश्किल है, लेकिन इसका इतिहास बताता है कि असफलता की कीमत जान से चुकानी पड़ती है.

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें
योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें
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