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भारत-पाकिस्तान बॉर्डर
राजस्थान के चार जिले पाकिस्तान की सीमा से लगते हैं। श्रीगंगानगर, बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर की सीमा पाकिस्तान से लगती है। राजस्थान में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर की कुल लंबाई 1070 किलोमीटर है। पीएम मोदी ने गुरुवार को बीकानेर में जनसभा की और कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद की कीमत चुकानी पड़ी है और अगर वह अपनी हरकतों के बाज नहीं आया तो भारतीय सेना दोबारा आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी।
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान पाकिस्तान की तरफ से दावा किया गया था कि मिसाइल हमले में नाल एयरपोर्ट को नुकसान हुआ है। हालांकि, पीएम मोदी का विमान इसी एयरपोर्ट पर उतरा। इसके साथ ही उन्होंने यह साबित कर दिया कि पाकिस्तान का दावा पूरी तरह खोखला है।

भारत-पाकिस्तान बॉर्डर
पहलगाम हमले के बाद बदला सीमावर्ती इलाकों का जीवन
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास रहने वाले लोगों के जीवन में काफी बदलाव आया है। इसकी शुरुआत तब हुई, जब भारत सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने और दोनों देशों के बीच बॉर्डर बंद करने का आदेश दिया। पाकिस्तान बॉर्डर से सटे राजस्थान के सभी जिलों में लोग पाकिस्तानी लोगों के साथ संबंध रखते हैं। इन्हीं जिलों में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी हिंदू आकर भी शरण लेते हैं। ऐसे में जब सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा तो इन जिलों से भी कई लोगों को पाकिस्तान लौटना पड़ा। कई लोगों की शादी पाकिस्तान में तय थी, जो बॉर्डर बंद होने से रुक गई।
यहीं गिरे पाकिस्तानी ड्रोन
एयर स्ट्राइक के समय इन जिलों में ही लोगों को सबसे ज्यादा खतरा था। हवाई सेवाएं बंद हो गई थीं। एहतियातन ब्लैक आउट रखा जा रहा था। पाकिस्तानी मिसाइलें और ड्रोन आ रहे थे। भारत का एयर डिफेंस सिस्टम इन्हें नाकाम कर रहा था। ऐसे में कई ड्रोन और मिसाइलें लोगों के खेतों में गिरी थीं। कई लोगों को संदिग्ध ड्रोन से बचने की ट्रेनिंग भी दी गई थी। सीजफायर के बाद इन लोगों का जीवन सामान्य हुआ है, लेकिन अभी भी बॉर्डर बंद होने के चलते कई परिवारों की परेशानियां बनी हुई हैं।
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