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Success Story: रामपुर की 70 वर्षीय परवेश देवी ने भक्ति के लिए भगवान की पोशाकें सिलनी शुरू कीं, जो अब सफल बिजनेस बन गया है. अमरनाथ से कनाडा तक उनके हाथों की बनी पोशाकों की डिमांड है.
परवेश देवी.
हाइलाइट्स
- 70 वर्षीय परवेश देवी ने भगवान की पोशाकें सिलनी शुरू कीं.
- अमरनाथ से कनाडा तक उनके पोशाकों की डिमांड है.
- भक्ति का काम अब उनके लिए सफल बिजनेस बन गया है.
रामपुर: रामपुर की 70 वर्षीय परवेश देवी ने कभी सिर्फ भक्ति के लिए भगवान की पोशाक सिलानी शुरू की थी, लेकिन आज यही काम उनके लिए एक सफल बिजनेस बन चुका है. अमरनाथ से लेकर कनाडा तक उनके हाथों की बनी पोशाकों की डिमांड है. रामपुर की परवेश देवी के घर की सिलाई मशीन सिर्फ कपड़े नहीं एक आस्था और आत्मनिर्भरता की कहानी बुनती है. करीब 40 से 50 साल पहले उन्होंने भगवान की पोशाकें बनानी शुरू की थीं न मुनाफा सोचा न बिजनेस बस एक ही सोच थी भक्ति के काम में मन लगे. लेकिन धीरे-धीरे यही काम इतना बढ़ गया कि अब उनके पास देश-विदेश से ऑर्डर आने लगे हैं.
परवेश देवी बताती हैं कि उनके यहां से 12 ज्योतिर्लिंग जैसे अमरनाथ, केदारनाथ, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, बद्रीनाथ के लिए विशेष पोशाकें जाती हैं. शिरडी साईं बाबा, दिल्ली, वृंदावन, बदायूं, मुरादाबाद, कोटद्वार से लेकर कनाडा तक से लोग ऑर्डर करते हैं. शिरडी साईं बाबा, हनुमान जी, गणेश जी, श्याम बाबा हर भगवान की पसंद और डिमांड के अनुसार पोशाकें तैयार होती हैं.
वो कहती हैं हमने कभी कारोबार की तरह नहीं सोचा, लेकिन भगवान ने आशीर्वाद ऐसा दिया कि आज यही सेवा हमारे लिए रोज़गार बन गई. रामपुर शहर के हर कोने से लोग उनके पास आते हैं. कोई झंडा बनवाने, कोई मंदिर के लिए पोशाक सिलवाने हर डिजाइन में उनकी सालों की मेहनत, अनुभव और आस्था की झलक साफ दिखती है. परवेश देवी के पास रोज़ 12-15 ऑर्डर आ जाते हैं, लेकिन वो उतना ही काम लेती हैं जितना आराम से कर सकें.
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