सीहोर जिले में एसिड अटैक के मामले में पहली बार सजा सुनाई गई। मामले की रोचक बात ये भी है। दोनों पक्षों में राजीनामा हो जाने के बाद भी कोर्ट ने घटना को गंभीर मानते हुए दो सगे भाइयों को 10-10 साल के सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई। पांच साल पुराने प्रकरण में यह फैसला प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रकाश चंद्र आर्य ने सुनाया। शासन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी अनिल बादल ने की।
मीडिया सेल प्रभारी केदार कौरव ने बताया कि 27 अगस्त 20 को अहमदपुर थाना क्षेत्र के ग्राम खाईखेड़ा में दीपक ठाकुर ने गांव के ही कुलदीप बैरागी के साथ गाली गलौच कर दी थी। बताया जाता है कि जब दीपक को समझाने कुलदीप के ताऊजी का लड़का गुरुचरण बैरागी, चाचा बबलू, प्रदीप, बिन्दू तथा रामेश्वर मोगिया उसकी डेयरी पर गए और उसके पिता सुरेश ठाकुर से दीपक की शिकायत कर रहे थे। इस दौरान दीपक और उसका भाई राहुल वहां आ गए और गाली-गलौच करने लगे। इस दौरान दीपक ठाकुर ने अपनी दुकान से एसिड की बोतल उठाकर चाचा बबलू पर फेंककर मार दी जिससे उसका शरीर एसिड की चपेट में आकर झुलस गया। बीच- बचाव करने गुरुचरण पहुंचा तो दीपक ने उसके सिर पर भी एसिड की बॉटल मार दी जिससे उसके सिर से खून बहने लगा तथा एसिड उसकी आंखों में घुसकर चेहरा झुलस गया। इसके बाद दोनों भाइयों ने एसिड को डब्बे में भरकर वहां खड़े लोगों पर फेंकना शुरू कर दिया जिससे सभी के शरीर झुलस गए। ग्रामीणों ने बीच बचाव कराया, तब जाकर घायलों को परिजन भोपाल के एक निजी अस्पताल में ले गए।
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आरोपियों के पास नहीं था दूध डेयरी चलाने का लाइसेंस
पुलिस ने आरोपी दीपक व राहुल के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया और जांचोपरांत प्रकरण न्यायालय में पेश किया। जांच में पाया गया कि आरोपियों के पास दूध डेयरी चलाने का कोई लाइसेंस नहीं था और न ही किसी प्रकार के केमिकल या एसिड को रखने की अनुमति थी। न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में यह तथ्य भी प्रमाणित माना गया है कि अभियुक्तगण द्वारा जिस एसिड का उपयोग किया गया उसके उपयोग करते समय आरेापी को इस तथ्य का ज्ञान रखना भी प्रमाणित है, कि उनके द्वारा प्रयोग में लाए गए एसिड अर्थात अम्ल से स्थाई तथा आंशिक नुकसान या क्षति कारित हो सकती है, अंग विकार भी हो सकता है, विद्रू्पण भी हो सकता है, क्योंकि एकल प्रहार नहीं है, एसिड कई बार फेंका गया है। न्यायालाय द्वारा आरोपीगण के स्वयं के बचाव में किए गए हमले के तर्कों को अमान्य करते हुए आरोपीगण दीपक ठाकुर एवं राहुल ठाकुर को आरोपित धारा 326-ए सहपठित धारा 34 भादवि में दोषी पाते हुए 10-10 साल का सश्रम कारावास एव प्रत्येक धारा में 5000-5000/-(6 काउण्ट) कुल योग 60 हजार के अर्थदंड से दण्डित किया गया। प्रतिकर के रूप में आहतगण को 05-05 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई है।
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राजीनामा होने के बाद भी कोर्ट ने आरोपियों को किया दोष सिद्ध
मामले में आरोपी पक्ष एवं फरियादी पक्ष के मध्य राजीनामा भी हो गया था, लेकिन एसिड अटैक की गंभीर घटना को देखते हुए न्यायालय द्वारा आरोपियन को दो सिद्ध किया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी कर रहे जिला लोक अभियोजन अधिकारी अनिल कुमार बादल द्वारा बताया गया कि एसिड अटैक के मामले में धारा 326-ए भादवि की जिले की यह पहली दोषसिद्धी है।