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Private part operation done by male surgeon without consent | बिना सहमति पुरुष डॉक्टर से कराया प्राइवेट पार्ट का ऑपरेशन: खंडवा में पीड़ित महिला कोर्ट पहुंची, डॉक्टरों पर 30 हजार का जुर्माना – Khandwa News

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खंडवा के एक निजी अस्पताल में महिला का बिना सहमति पुरुष सर्जन से प्राइवेट पार्ट का ऑपरेशन कराना अस्पताल प्रबंधन को भारी पड़ गया। ऑपरेशन असफल होने के बाद मामला उपभोक्ता फोरम पहुंचा, जहां बुधवार को चिकित्सकीय लापरवाही और सेवा में कमी का दोषी मानते हुए क

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मामला मई 2021 का है। 25 वर्षीय महिला ने खंडवा स्थित शुभम हॉस्पिटल में पाइल्स की सर्जरी कराई थी। ऑपरेशन फेल होने पर महिला फिरसे अस्पताल पहुंची, तो उसे जानकारी मिली कि उसका ऑपरेशन एक पुरुष सर्जन ने किया था- जबकि उसने ऐसी किसी अनुमति नहीं दी थी। महिला ने ऑपरेशन फेल होने पर इलाज का पैसा वापस मांगा, लेकिन अस्पताल ने पैसा लौटाने से इनकार कर दिया।

इसके बाद पीड़िता ने उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान अस्पताल पक्ष ने दावा किया कि महिला ने स्वयं चिकित्सकीय परहेज नहीं किया, जिससे ऑपरेशन सक्सेस नहीं हुआ। हालांकि, बिना सहमति पुरुष सर्जन से ऑपरेशन कराने पर वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इसी आधार पर मुआवजा अदा करने का आदेश दिया। महिला ने 50 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति की मांग की थी।

सिलसिलेवार जानिए पूरा मामला

  • पीड़िता के वकील प्रशांत मालवीय के अनुसार, पाइल्स की शिकायत होने पर वर्षीय महिला ने 9 मई 2021 को डॉक्टर शुभांगी मिश्रा दवे से परामर्श लिया। डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि ऑपरेशन कराने से आराम मिल जाएगा। ऑपरेशन का खर्च 35 हजार रुपए बताया।
  • महिला को 24 मई 2021 को शुभम हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। परिजनों ने अस्पताल में 30 हजार रुपए जमा किए और अन्य मेडिकल जांचों पर 1,800 रुपए का खर्च आया। 26 मई को डिस्चार्ज के समय 5 हजार रुपए और दवाओं पर 10 हजार रुपए खर्च हुआ।
  • कुछ दिनों बाद महिला को पहले जैसी ही तकलीफ शुरू हो गई। 31 मई को जब वह फिर डॉक्टर शुभांगी मिश्रा के पास गई, तब उन्हें पता चला कि ऑपरेशन उन्होंने नहीं, बल्कि मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रिंकू यादव ने किया था। इस जानकारी से महिला और उसके पति हैरान रह गए। उन्होंने डॉक्टर शुभांगी से सवाल किया कि जब परामर्श उन्होंने दिया था, तो बिना सहमति पुरुष सर्जन से ऑपरेशन क्यों कराया गया? यह महिला की निजता और अधिकार का उल्लंघन है।
  • दवाएं देने के बाद भी आराम न मिलने पर डॉ. रिंकू यादव ने क्लोनोस्कोपी जांच कराई। जांच में सामने आया कि ऑपरेशन पूरी तरह सफल नहीं हुआ, गठान अब भी है। उन्होंने दोबारा ऑपरेशन की सलाह दी और इसके लिए फिर से 35 हजार रुपए मांगे।
  • महिला ने दोबारा ऑपरेशन कराने से इनकार करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में उसने पहले ऑपरेशन की फीस और अन्य खर्च मिलाकर कुल 50 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति की मांग की है।

महिला को दोनों डॉक्टर देंगे 15-15 हजार रुपये, उपभोक्ता फोरम का फैसला

उपभोक्ता फोरम ने शुभम हॉस्पिटल की डॉक्टर शुभांगी मिश्रा और मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रिंकू यादव को पीड़ित महिला को 15-15 हजार रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह फैसला बुधवार को फोरम अध्यक्ष जेपी सिंह और सदस्य अंजली जैन ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुनाया। फोरम ने कहा, इलाज के दौरान लापरवाही बरती गई।

फोरम ने आदेश में कहा कि दोनों डॉक्टरों को, आदेश की प्रति प्राप्त होने की 45 दिन की अवधि में पीड़िता को कुल 30 हजार रुपए (15-15 हजार प्रति डॉक्टर) का भुगतान करना होगा।

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