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होलकर साइंस कॉलेज के छात्रों के साथ फीस के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा बीएससी और एमएससी के 125 से अधिक छात्रों ने फीस के रूप में 11-11 हजार रुपये कियोस्क के जरिए जमा किए, लेकिन कॉलेज के खाते में प्रति छात्र केवल 1100-1100 रुपये ही जमा हुए।
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यह खुलासा तब हुआ जब कॉलेज ने छात्रों से अंतिम सेमेस्टर के साथ-साथ पिछले सेमेस्टर की भी फीस जमा करने को कहा। कई छात्रों ने बताया कि वे पहले ही फीस जमा कर चुके हैं और उन्होंने रसीद भी प्रस्तुत की। इसके बाद कॉलेज ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी।
पूरे मामले में एमएससी जूलॉजी के एक छात्र की भूमिका भी सामने आई है। उसने 12 छात्रों से फीस की राशि लेकर जमा नहीं की, बल्कि उन्हें फर्जी रसीदें दे दीं। कुछ पूर्व छात्र और दो से तीन कियोस्क सेंटरों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
एक छात्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है, जो राजपुर का निवासी है। दो पूर्व छात्रों और एक छात्र नेता की भूमिका की भी जांच की जाएगी। जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष दिनेश खंडेलवाल का कहना है कि प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। प्रशासनिक अधिकारी डॉ. आर. के. डगावकर के अनुसार, कियोस्क सेंटरों की ओर से छात्रों को फर्जी रसीदें दिए जाने की बात सामने आई है। जांच में सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
कॉलेज में 13 हजार से अधिक छात्र
125 से अधिक छात्रों के साथ फर्जीवाड़ा हुआ है।अब तक 400 से अधिक छात्रों की फीस जमा नहीं हुई है; इनमें से कई छात्र भी पीड़ित हो सकते हैं।फर्जीवाड़े का शिकार छात्रों की संख्या कई गुना ज्यादा हो सकती है।कॉलेज सभी संबंधित छात्रों को बुलाकर पूछताछ करेगा।
फिलहाल 125 छात्रों के साथ फर्जीवाड़े की जानकारी सामने आई है। यह संख्या और अधिक हो सकती है। कॉलेज ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। जिन छात्रों की फीस जमा नहीं हुई है या तय राशि से कम हुई है, उनसे पूछा जाएगा कि उन्होंने फीस कहाँ से जमा की। कमेटी इन सभी छात्रों से बात करेगी।
पहले ऑफलाइन जमा होते थे परीक्षा फॉर्म, ऑनलाइन प्रक्रिया से हुआ खुलासा
पहले होलकर कॉलेज में बीएससी और एमएससी के परीक्षा फॉर्म ऑफलाइन जमा होते थे। उस समय जो भी रसीद छात्र प्रस्तुत करता था, उसी के आधार पर फॉर्म स्वीकृत कर दिया जाता था। अब फॉर्म ऑनलाइन जमा होने लगे हैं। कई छात्रों की फीस जमा न होने के कारण उनके फॉर्म रिजेक्ट हो गए। इसके बाद उन्होंने शिकायत की। जब कॉलेज ने उनकी रसीदों की जांच की, तो पाया गया कि उनमें रजिस्ट्रेशन नंबर भी गलत थे।
मामला सामने आते ही जांच के आदेश दे दिए गए हैं
छात्रों ने कियोस्क सेंटर के माध्यम से फीस जमा की थी। जांच के आदेश दे दिए गए हैं और सेंटरों के खिलाफ पुलिस की भी मदद ली जाएगी। एक छात्र पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। अन्य की भूमिका जांच में सामने आएगी। जिन छात्रों की फीस जमा नहीं हुई है या कम जमा हुई है, उनसे पूछताछ की जाएगी कि उन्होंने फीस कहाँ से जमा की थी। – डॉ. अनामिका जैन, प्राचार्य, होलकर साइंस कॉलेज
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