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नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के बाद भी जिले के निजी स्कूलों की मान्यता का मामला लंबित है। जिले में 690 स्कूलों ने मान्यता के लिए आवेदन किए थे। ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डिनेटर (बीआरसी) की रिपोर्ट के आधार पर जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) ने 58 स्कूलों की मान्
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दरअसल स्कूलों की मान्यता के लिए शासन द्वारा निर्धारित मापदंड तय किए थे। जिले में लगभग 700 स्कूलों को पिछले साल मान्यता मिली थी। इस बार 690 स्कूलों ने आवेदन किए। इनमें सीबीएसई और एमपी बोर्ड दोनों ही तरह के स्कूल शामिल हैं। करीब 58 स्कूल जो मापदंडों पर खरे नहीं उतरे, उनकी मान्यता को डीपीसी कार्यालय ने रोक दिया है। अब इन स्कूलों का निर्णय कलेक्टर की स्वीकृति के बाद ही होगा।
अपील करने का मौका
जिले में संचालित प्राइवेट स्कूलों की जांच बीआरसी स्तर पर कराई गई थी। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर डीपीसी कार्यालय द्वारा मान्यता जारी की गई। जिन 58 स्कूलों में कमियां पाई गई है, उनकी मान्यता को रद्द किया गया है और ये प्रकरण कलेक्टर कार्यालय भेजे गए हैं। इस मामले में 34 स्कूलों द्वारा अपील की गई। वहीं 14 ने इस प्रक्रिया को फॉलो नहीं किया। 30 अप्रैल तक अपील की जा सकती है जिसके बाद मान्यता खत्म हो सकती है।
स्कूलों में मिली कमियां
नवीन मान्यता के पूर्व प्राइवेट स्कूलों का औचक निरीक्षण किया गया था, इसके लिए ब्लॉक अधिकारियों के नेतृत्व में टीमें गठित की गई थी। निरीक्षण में कई स्कूलों में कमियां निकली है। खेल मैदान की कमी, बालक/ बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, अनुभवी टीचिंग स्टॉफ, बैठक व्यवस्था पर्याप्त नहीं होने से कुछ स्कूलों की मान्यता को होल्ड पर रखा गया है।
एपीसी धार प्रवीण शर्मा ने बताया कि बीआरसी स्तर से स्कूलों का भौतिक सत्यापन कराया गया है। 58 स्कूलों में कमियां मिली है, जिस कारण मान्यता की प्रक्रिया को अभी रोका गया है। कलेक्टर कार्यालय में अपील के माध्यम से स्कूल प्रबंधक अपना जवाब प्रस्तुत कर सकते हैं। जिसकी अंतिम तिथि 30 अप्रैल है। मापदंड पूरे नहीं होने पर मान्यता निरस्त की जएगी।
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