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पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है।
उज्जैन के पास तराना में पुलिस को एक अज्ञात शव मिला था। मामले की जांच में पता चला कि मृतक की मौत डीपी से ऑयल चोरी के दौरान करंट लगने से हुई थी। इस दौरान मृतक के अन्य साथी भी मौजूद थे, जिन्होंने पकड़े जाने के डर से अपने मृत साथी का शव खेत में छोड़ दिया
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थाना तराना में 15 अप्रैल को कोटवार ईश्वर गुर्जर ने गांव गवड़ी जंगल में एक खेत में अज्ञात शव पड़े होने की सूचना दी थी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। इसके बाद मर्ग कायम कर जांच प्रारंभ की गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) उज्जैन पल्लवी शुक्ला तथा अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) तराना अनुभाग, उज्जैन भविष्य भास्कर ने जांच के लिए एक टीम गठित की है।
दोस्तों के साथ मिलकर चुराई थी बाइक
मृतक की पहचान धर्मेन्द्र सिंह, निवासी हरूखेड़ी, थाना माकडोन, जिला उज्जैन के रूप में हुई। जांच में पाया गया कि धर्मेन्द्र को अंतिम बार अपने दोस्तों अर्जुन, माखन और दिनेश गुर्जर के साथ देखा गया था। गवाहों के कथनों के आधार पर आरोपी लगातार फरार थे। पुलिस टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी अर्जुन, दिनेश और माखन ग्राम खाकरी सुल्तान के कचनारिया मोड़ पर मौजूद हैं।पुलिस को देखकर तीनों आरोपियों ने भागने का प्रयास किया, लेकिन घेराबंदी कर पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि अर्जुन, माखन, दिनेश और मृतक धर्मेन्द्र मिलकर चोरी करते थे। इन्होंने मक्सी के मछली बाजार के पास से एक एचएफ डीलक्स मोटरसाइकिल (क्रमांक MP-42-MB-3608) और तराना में शिवश्री टॉकीज के सामने से एक एचएफ डीलक्स मोटरसाइकिल (क्रमांक MP-13-EQ-5926) चोरी की थी। इन्हीं मोटरसाइकिलों से वे रात के समय ट्रांसफॉर्मरों से डीपी का ऑयल चोरी करने पहुंचे थे।
ऑयल चोरी के दौरान हुई मौत
13 अप्रैल की रात में लगभग 12:00 बजे आरोपी मृतक धर्मेन्द्र के साथ चोरी की दोनों बाइकों से ग्राम बिछड़ोद में अमरपुरा मार्ग पर डीपी से ऑयल चोरी करने पहुंचे। तीनों साथियों ने मिलकर डीपी की इलेक्ट्रिक सप्लाई वायर (डीओ) काटी और इसके बाद धर्मेन्द्र को ऑयल चोरी के लिए डीपी पर चढ़ाया गया। धर्मेन्द्र डीपी के नट खोलकर ऑयल निकालने का प्रयास कर रहा था, तभी उसे करंट लग गया।
डीपी में फॉल्ट होने से जोरदार आवाज आई, जिसे सुनकर उसके साथी माखन, अर्जुन और दिनेश ने बांस के डंडे से धर्मेन्द्र को नीचे गिराया और उसे घटनास्थल से उठाकर मोटरसाइकिल पर बैठाकर तराना की ओर ले जाने लगे। इसी दौरान कालीसिंध नदी के पास धर्मेन्द्र की मृत्यु हो गई।
धर्मेन्द्र के साथियों माखन, अर्जुन और दिनेश ने अपने बचाव के लिए उपचार कराने की बजाय घटना को छुपाने के लिए धर्मेन्द्र के शव को एक खेत में फेंक दिया और सभी अपने-अपने घर चले गए। पुलिस ने आरोपी अर्जुन, माखन एवं दिनेश को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है।
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