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राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस और अहिंसा वेलफेयर सोसाइटी ने दो बाल विवाह रोके। यह कार्रवाई झरन्या और बिसलाई गांवों में की गई।
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बिसलाई गांव में 16 वर्षीय किशोर की शादी चार दिन बाद होनी थी। टीम ने परिजनों को बाल विवाह के कानूनी प्रावधानों से अवगत कराया। एफआईआर की चेतावनी के बाद परिवार ने विवाह रोकने की बात कही।
झरन्या गांव में 12 वर्षीय बालक की शादी सेमलापुरा के सामूहिक विवाह सम्मेलन में होनी थी। स्कूल रजिस्टर से बच्चे की उम्र की पुष्टि की गई। टीम ने परिवार को बाल विवाह के नुकसान समझाए। इनमें शिक्षा में बाधा, स्वास्थ्य जोखिम और मानसिक विकास में रुकावट शामिल हैं।
छह माह से दो वर्ष तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान टीम ने स्पष्ट किया कि बाल विवाह में छह माह से दो वर्ष तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। विवाह में मदद करने वालों पर भी कार्रवाई होगी। अहिंसा वेलफेयर सोसाइटी ने ग्रामीणों से बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देने की अपील की। इस कार्रवाई में परियोजना अधिकारी प्रतिभा साहू, सुपरवाइजर संतोष चौहान, मनीष दांगी, रजनी प्रजापति, नरेंद्र व्यास, निकिता मेवाड़ और भोजपुर पुलिस की टीम शामिल थी।
देखिए कार्रवाई के दौरान की तस्वीरें…



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