प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस बैठक में पहलगाम हमले पर चर्चा.

Cabinet Committee on Security: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक करेंगे. इस हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे. सीसीएस की बैठक में भारत अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर अपनी प्रतिक्रिया की रूपरेखा तैयार करेगा. द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने मंगलवार की त्रासदी की जिम्मेदारी ली है. ये हाफिज सईद द्वारा स्थापित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है.
Cabinet Committee on Security: प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति रक्षा नीति, व्यय और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर महत्वपूर्ण चर्चाओं और निर्णयों के लिए जिम्मेदार है. इसके सदस्यों में प्रधानमंत्री के अलावा रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री शामिल होते हैं. भारत सरकार की सभी आठ कैबिनेट कमेटियों में से सबसे अहम सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति है. पहलगाम में आतंकवादी हमले की खबर मिलने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपना सऊदी अरब दौरा बीच में ही छोड़ दिया और सुबह ही भारत पहुंच गए. सीसीएस का हिस्सा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अमेरिका और पेरू की अपनी आधिकारिक यात्रा को छोटा कर दिया. उनके अलावा इस समिति में एस. जयशंकर, राजनाथ सिंह और अमित शाह हैं.
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कैबिनेट समिति संविधान से इतर होती है और भारतीय संविधान में इसका उल्लेख नहीं है. इन्हें आंशिक रूप से मंत्रियों के छोटे समूहों को विशिष्ट नीति क्षेत्रों पर निर्णय लेने की अनुमति देकर केंद्रीय मंत्रिमंडल पर बोझ कम करने के लिए डिजाइन किया गया है. इनका गठन या पुनर्गठन तब किया जाता है जब नई सरकार सत्ता में आती है या मंत्रिमंडल में फेरबदल होता है.
क्या काम करती है सीसीएस
सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति भारत की सुरक्षा से संबंधित अत्यावश्यक और रणनीतिक मामलों पर चर्चा करने और निर्णय लेने के लिए आवश्यकतानुसार बैठक करती है. समिति मुद्दों का समाधान करती है और मंत्रिमंडल के विचारार्थ प्रस्ताव तैयार करती है. साथ ही उन्हें सौंपे गए मामलों पर निर्णय लेती है. मंत्रिमंडल को ऐसे निर्णयों की समीक्षा करने का अधिकार है.
राष्ट्रीय सुरक्षा: राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा से संबंधित नीतियों का निर्माण और समन्वय करती है. इसमें आंतरिक और बाह्य सुरक्षा दोनों मामले शामिल हैं.
रक्षा नीति: रक्षा खरीद, स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के विकास और देश की समग्र रणनीतिक स्थिति से संबंधित निर्णयों सहित रक्षा नीति की देखरेख और निर्देशन करना.
रणनीतिक योजना: परमाणु हथियारों और मिसाइल कार्यक्रमों सहित भारत के रणनीतिक हितों से जुड़े मामलों पर महत्वपूर्ण निर्णय लेना.
आतंकवाद-निरोध: आतंकवाद-निरोध के लिए नीतियां तैयार करना और उनका क्रियान्वयन करना. साथ ही इस संबंध में खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों के बीच समन्वय सुनिश्चित करना.
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ये हैं 8 कैबिनेट समितियां
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति.
राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति.
निवेश और विकास पर कैबिनेट समिति
केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति.
संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति.
रोजगार और कौशल विकास पर कैबिनेट समिति.
आवास संबंधी कैबिनेट समिति.
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति.
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