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आरोपी फिरोज और आरोपी शादाब कुरैशी।
मोबाइल एप पर रॉयल मेसो मिल्क टी कंपनी ने मालवा-निमाड़ में 15 हजार लोगों से ठगी की। 6 महीने में पैसा डबल करने की लालच देकर लोगों से पैसा लगवाया और फिर उनसे धोखाधड़ी की गई। शिकायत के बाद खंडवा पुलिस ने कंपनी के एरिया मैनेजर सहित एक अन्य के खिलाफ केस दर्ज
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मामले में शहर के गणेश तलाई निवासी लोकेंद्र पिता कमलचंद धुर्वे ने पुलिस को दर्ज शिकायत में बताया कि उनके साथ अक्टूबर 2024 से लेकर अप्रैल 2025 तक आरोपी फिरोज और शादाब ने रॉयल मूस एप में पैसा लगवाया। आरोपियों ने कहा- इस एप में पैसा लगाओ तो कुछ ही दिनों में तुमको पैसा डबल मिलेगा। इससे और भी कई लोगों का पैसा डबल हुआ है। दोनों उस एप कंपनी के एजेंट हैं।
लोकेंद्र ने बताया कि, आरोपी फिरोज ने रॉयल मूस एप पर उसकी आईडी से रेफर कर मुझे जोड़ा था। आरोपी जिसे भी एप कंपनी से जोड़ते थे, प्रत्येक आईडी के हिसाब से उन्हें कमीशन मिलता था। मैंने आरोपियों के कहने पर राॅयल मूस एप के जरिए कुल 67 हजार रूपए अलग-अलग लगाए थे। उन्होंने 6 माह में पैसा डबल होना बताया था। लेकिन, 6 महीने बाद भी मुझे पैसा नहीं मिला। इस दौरान रॉयल मूस एप भी बंद हो गया।
खानशाहवली में किराए से लिया ऑफिस
इसके बाद से ही कंपनी के कथित मैनेजर शादाब कुरैशी निवासी छिपा कॉलोनी, फिरोज निवासी सिहाड़ा सहित अन्य लोग फरार हो गए। उन्होंने खानशाहवली वार्ड में हाजी इस्माइल के मार्केट में 10 हजार रुपए प्रति महीने पर ऑफिस किराए पर लिया था। शादाब खुद को बैंक का मैनेजर बताता था, उसने ही अधिकांश लोगों को रॉयल एप से जुड़कर ऊंचा रिटर्न मिलने की सलाह दी थी।

खानशाहवली क्षेत्र में किराये की दुकान में खोल रखा था ऑफिस।
महिलाओं ने समूह लोन लेकर लगाए रुपए
लोकेंद्र ने बताया कि, समूह लोन में एक महिला लीडर होती है। जो सभी महिलाओं से समय पर किस्त जमा करने के लिए वसूली करती है। शादाब और उसके साथियों ने महिला लीडरों को अपनी स्कीम बताकर जाल में फंसाया। महिलाएं भी इनकी बातों में आ गई। लीडर महिलाओं ने अपने समूह की महिलाओं को बताया कि अगर आपके पास पैसा नहीं है तो लोन लेकर पैसा लगा दो।
4800 रुपए ऑनलाइन जमा करने पर प्रतिदिन 120 रुपए आ रहे हैं। इसके अलावा 5 हजार रुपए जमा करने पर 7500 रुपए तीन दिन तक मिलने का लालच दिया। महिलाओं को ऑफिस बुलाकर खुद शादाब और उसके साथियों ने उनके मोबाइल पर आईडी बनाई और महिलाएं भी ठगी के जाल में फंसती रही।
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