मध्यप्रदेश

Group insurance for travellers in the 118 km long Panchkroshi, there will be a temporary hospital of 20 beds at every stop | आस्था: 118 किलोमीटर लंबी पंचक्रोशी में यात्रियों का सामूहिक बीमा, हर पड़ाव पर रहेगा 20 बेड का अस्थायी अस्पताल – Ujjain News


धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा, पंचक्रोशी यात्रा (पंचेशानी यात्रा) वैशाख कृष्ण दशमी से शुरू होकर वैशाख मास की अमावस्या को समाप्त होगी। इस बार यह यात्रा 23 अप्रैल से शुरू की जाएगी। यह यात्रा 118 किलोमीटर लंबी होती है। शहर के नागनाथ ही गली स्थित नागचंद्

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शहर की चार दिशाओं में विराजमान चार महादेव के दर्शन और बीच में ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर होने से यह उज्जैन की परिक्रमा कही जाती है। जिला पंचायत सीईओ जयति सिंह ने बताया कि इस बार पंचक्रोशी यात्रा में कई नवाचार किए हैं। जिनकी टेस्टिंग रविवार शाम से शुरू कर दी गई है। यात्रियों का सामूहिक बीमा भी करवाया गया है। संख्या पता लगाने के लिए हैड काउंटिंग कैमरे लगाए हैं। हर पड़ाव पर चिकित्सा सुविधा सहित अन्य सुविधाएं रहेगी। धार्मिक के साथ सांस्कृतिक विरासत पंचक्रोशी यात्रा पंचक्रोशी यात्रा उज्जैन की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल आध्यात्मिकता को बढ़ावा देती है, बल्कि श्र‌द्धालुओं को शारीरिक और मानसिक शु‌द्धि का अनुभव भी कराती है।

जानिए… मार्ग के पड़ाव, उपपड़ाव की दूरी नागचंद्रेश्वर से पिंगलेश्वर पड़ाव- 12 किमी पिंगलेश्वर से कायावरोहणेश्वर पड़ाव- 23 किमी कायावरोहणेश्वर से नलवा उप पड़ाव- 21 किमी नलवा उप-पड़ाव से बिलकेश्वर पड़ाव – 6 किमी अंबोदिया से कालियादेह उप-पड़ाव- 21 किमी कालियादेह उपपड़ाव से दुर्दरेश्वर पड़ाव (जैथल)- 12 किमी दुर्दरेश्वर पड़ाव (जैथल) से उंडासा उप-पड़ाव- 16 किमी उंडासा उप-पड़ाव से शिप्रा घाट- 12 किमी

स्कंदपुराण में भी उल्लेख

ज्योतिर्विद पंडित आनंदशंकर व्यास के अनुसार इस यात्रा का उल्लेख स्कंदपुराण के अवंतिका खंड में भी मिलता है। पंडित अजयकृष्ण शंकर व्यास बताते हैं कि पंचक्रोशी यात्रा कुल पांच दिनों तक चलती है। श्र‌द्धालु पैदल यात्रा कर इन तीर्थों के दर्शन करते हैं। मान्यता है कि यह यात्रा पापों का नाश करने वाली और मोक्ष प्रदान करने वाली है।

6 स्थानों पर करेंगे हेड काउंटिंग हेड काउंटिंग के लिए पड़ाव स्थल सहित 6 स्थानों पर कैमरे लगाए हैं। रविवार शाम से इनकी टेस्टिंग शुरू कर दी गई है। रात में यात्रियों को परेशानी न हो, इसके लिए लाइट टावर लगाए जाएंगे। इसका काम भी अंतिम दौर में चल रहा है।

यात्रियों को मिलेगी यह सुविधाएं

  • प्रत्येक पड़ाव, उप पड़ाव स्थल पर मार्गर्दशन के लिए कार्यालय/ कंट्रोल रूम एवं पुलिस कैंप।
  • प्रत्येक पड़ाव, उप-पड़ाव स्थल पर एवं विश्रांति स्थल पर छाया के लिए टेंट, प्रकाश व्यवस्था, शौचालय, स्नानागार, पेयजल व्यवस्था।
  • उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से खाद्य सामग्री जैसे आटा, दाल, चावल, शक्कर, चाय पत्ती एवं दैनिक नित्य उपयोगी वस्तुओं की उचित मूल्य पर विक्रय व्यवस्था।
  • उज्जैन दुग्ध संघ द्वारा सांची पाइंट के माध्यम से दूध, घी एवं दूध से निर्मित अन्य सामग्रियों की उचित मूल्य पर विक्रय।
  • पड़ाव एवं उप-पड़ाव के विश्राम स्थल पर ठंडे पेयजल के लिए टैंकर की व्यवस्था।
  • प्रत्येक पड़ाव, उप-पड़ाव स्थल पर 20 बेड का अस्थाई चिकित्सालय, प्राथमिक उपकरण, दवाइयों, पेट्रोलियम जैली, स्टाफ की उपलब्धता।
  • आपात स्थिति के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था।
  • प्रत्येक विश्रांति स्थल पर प्राथमिक चिकित्सा एवं पेट्रोलियम जैली वितरण।
  • जनसुविधा केंद्रों।
  • सतत बिजली आपूर्ति करना।

मार्ग पर चिकित्सा-सुरक्षा सहित अन्य इंतजाम रहेंगे पंचक्रोशी मार्ग पर मुरम डलवाई है। गर्मी को देखते हुए पानी का छिड़काव किया जाएगा। गंदगी साफ करने के लिए मशीन उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा चिकित्सा, बिजली, पानी और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे। – रोशनकुमार सिंह, कलेक्टर


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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