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डॉक्टरों के बेटे की बड़ी छलांग, JEE में हासिल की 14वीं रैंक, अब यह है अगला पड़ाव

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JEE Success Story: सफलता पाने के लिए सही दिशा और मजबूत रणनीति जरूरी होती है. ऐसा ही एक लड़के ने कर दिखाया, जिन्होंने JEE Main के दूसरे सेशन में ऑल इंडिया 14वीं रैंक पाई हैं.

डॉक्टरों के बेटे की बड़ी छलांग, JEE में हासिल की रैंक 14, अब यह है अगला पड़ाव

JEE IIT Success Story: जेईई में हासिल की 14वीं रैंक

हाइलाइट्स

  • JEE मेंस में 14वीं रैंक हासिल की हैं.
  • अब उनका अगला लक्ष्य IIT बॉम्बे में प्रवेश पाना है.
  • पढ़ाई और मनोरंजन के बीच ऐसे संतुलन बनाए रखा.

JEE Success Story: अगर किसी चीज में सफलता हासिल करना हो, तो उसके लिए एक सही रणनीति की जरूरत होती है. तब जाकर सफलता हाथ लगती है. ऐसी ही कहानी एक लड़के की है, जिन्होंने जेईई मेंस के दूसरे सेशन में ऑल इंडिया 14वीं रैंक हासिल की हैं. अब उनका अगला लक्ष्य JEE Advanced की परीक्षा को पास कर IIT बॉम्बे में प्रवेश पाना है. हम जिनकी बात कर रहे हैं, उनका नाम आदित भागड़े (JEE Aadit Bhagade) है.

जेईई मेंस में हासिल की 14वीं रैंक 
जेईई मेंस 2025 की परीक्षा में 14वीं रैंक हासिल करने वाले आदित भागड़े वडोदरा के सामा क्षेत्र के रहने वाले हैं. यह उपलब्धि नवरचना हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्र आदित के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है. वह बीते दो वर्षों तक जेईई की तैयारी में दिन-रात एक कर दिया था. स्कूल से लौटने के बाद वे हर दिन करीब 6 घंटे पढ़ाई करते थे, जबकि छुट्टियों में यह समय 10 घंटे तक चला जाता था. आदित विषयों की गहराई से समझ बनाने की कोशिश की और मॉक टेस्ट को दोस्तों के साथ मिलकर हल किया, जिससे उनकी समझ और तेज हुई.

मनोरंजन और पढ़ाई के बीच संतुलन
आदित ने पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी. वे मोबाइल का इस्तेमाल केवल परिवार से संपर्क में रहने के लिए करते थे. जब पढ़ाई से थकान महसूस होती थी, तो आदित अपने माता-पिता के साथ क्रिकेट या टेबल टेनिस खेलकर मानसिक तरोताज़गी पाते थे. उन्हें मानसिक सहनशक्ति बनाए रखने में इस संतुलन ने उनकी बहुत मदद की.

माता-पिता दोनों हैं डॉक्टर
आदित के माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं. उनके पिता डॉ. प्रकाश भागड़े एक फिजिशियन हैं और उनकी मां डॉ. दिलिता भागड़े स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. उनकी सफलता में मजबूत आधार रहे. उनकी मां उन्हें घर पर पढ़ाती थीं और पढ़ाई को बोझ नहीं बल्कि रोचक बना देती थीं. उनके परिवार ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ दें और बाकी अपने आप होगा.

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