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After the fight, Jain Muni said – no one should be punished | मारपीट के बाद जैन मुनि बोले-किसी को सजा नहीं दिलाना: नीमच में 6 आरोपी जेल भेजे गए, वकीलों ने पैरवी करने से मना किया – Jawad News

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जैन मुनियों से मारपीट के आरोपियों का सोमवार को जुलूस निकाला गया था।

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यह कहना था जैन संत शैलेश मुनि का। दरअसल, मंगलवार को घायल संतों को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आए। इस दौरान कुछ लोगों ने जैन संत को बताया कि महाराज जी आपके हमलावर पकड़े गए हैं। उन्हें कैसी सजा मिलनी चाहिए। इसके बाद संतों ने यह उत्तर दिया।

नीमच से 90 किमी दूर सिंगोली के कछाला गांव में रविवार रात करीब 12 बजे बालाजी मंदिर में रात्रि विश्राम के लिए रुके तीन संतों के साथ 6 लड़कों ने बुरी तरह मारपीट की थी। हमले में दो संत गंभीर रूप से घायल हो गए। तीसरे वहां से किसी तरह जान बचाकर भागे। उन्होंने गांव में सूचना दी। इसके बाद ग्रामीण इकट्ठा हुए। उन्होंने दो को मौके से पकड़ लिया। पुलिस ने रात में सर्चिंग कर आसपास के ग्रामीण इलाकों से बाकी चार आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया। इनमें से एक नाबालिग है।

जैन संतों का हाल-चाल जानने के लिए बड़ी संख्या में समाजजन पहुंचे।

जैन संतों का हाल-चाल जानने के लिए बड़ी संख्या में समाजजन पहुंचे।

सिंगोली जैन स्थानक में ही रुके हैं संत मंगलवार को आरोपियों को जावद कोर्ट में पेश किया गया। वहां से सभी को जेल भेज दिया गया। वकीलों ने इनकी पैरवी करने से मना कर दिया। आरोपी गांव में जिस परिवार के यहां आए थे, उसके खिलाफ भी समाजजनों ने ज्ञापन सौंपा है। घटना के विरोध में सोमवार को सिंगोली बाजार बंद था।

घायल संत शैलेश मुनि, मुनींद्र मुनि और बलभद्र मुनि अभी सिंगोली जैन स्थानक में रुके हैं। हमले में शैलेश मुनि के पैर का नाखून टूट गया है, वहीं मुनींद्र मुनि के हाथ-पैर और पीठ में मारपीट के निशान हैं। दोनों की आंखों में सूजन है। बलभद्र मुनि को ज्यादा चोट नहीं आई है। तीनों को देखने के लिए रतलाम से इनके रिश्तेदार भी पहुंचे।

घटना के बाद पैदल ही जैन स्थानक पहुंचे पूरे घटनाक्रम के बाद पुलिस और जैन समाज के लोगों ने संतों को वाहन में बैठकर घटनास्थल से सिंगोली जैन स्थानक चलने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। संत पैदल ही चले। गंभीर घायल मुनींद्र मुनिजी को पवन मेहता ठेला गाड़ी से लेकर सिंगोली वर्धमान स्थानक पहुंचे। बाकी संत 10 किलोमीटर पैदल ही पहुंचे। रविवार रात यहां विश्राम किया। तीनों संत स्वस्थ होने तक सिंगोली में ही विहार करेंगे।

आयुर्वेदिक पद्धति से हो रहा इलाज घटना वाली रात तहसीलदार सहित कई डॉक्टर भी पहुंचे, लेकिन जैन संतों ने रात में डॉक्टर को हाथ नहीं लगाने दिया। किसी प्रकार का कोई इलाज नहीं कराया। सुबह होने पर आयुर्वेदिक पद्धति से जैन स्थानकवास में ही इलाज किया गया। दरअसल, जैन संत सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही भोजन ग्रहण करते हैं। उसके बाद नहीं, इसलिए उन्होंने दवा आदि लेने से इनकार कर दिया।

भिक्षा मांगकर किया भोजन तीनों जैन संतों ने मंगलवार को हमेशा की तरह ही अपनी दिनचर्या की। उनसे मिलने राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात से भी समाजजन पहुंच रहे हैं। उनका कुशल-क्षेम जान रहे हैं। इस दौरान संत पानी, भोजन, गोचरी (भिक्षा) स्वयं कर रहे हैं।

सूर्यास्त होने पर गोशाला से 500 मीटर पहले रुके जैन संतों के रुकने के लिए सिंगोली से 11 किलोमीटर दूर एक गोशाला है। जहां संतों को रात में विश्राम करना था। सूर्यास्त के बाद संत आगे विहार नहीं करते, इसलिए संतों ने गोशाला से 500 मीटर पहले बालाजी मंदिर में विश्राम करने निर्णय लिया और वहीं रुक गए।

झगड़े को सुलझाने गांव पहुंचे थे आरोपी वहीं गांव के युवक नाना लाल ने बताया कि डेढ़ से 2 माह पहले कछाला गांव का एक लड़का राहुल नायक चित्तौड़ के खेड़ा गांव (राजस्थान) से एक लड़की भगा लाया था। लड़की के गांववालों को पता चला कि वह कछाला गांव में किसी के यहां रह रही है। इसी विवाद को निपटाने के लिए 6 लड़के कछाला गांव पहुंचे। यहां राहुल के पिता जगदीश, उनके छोटे भाई और अन्य रिश्तेदारों के साथ बैठकर शराब पी। इस दौरान लड़कों का विवाद हो गया तो कुछ लोग वहां से चले गए। उन्हें ढूंढ़ते–ढूंढ़ते आरोपी लड़के बालाजी मंदिर जा पहुंचे।

वहां तीनों जैन मुनि विश्राम कर रहे थे। लड़कों ने पहले जैन मुनियों से अपने रिश्तेदारों के बारे में पूछा। इसके बाद पैसे मांगने लगे। संतों का कहना था कि हम सांसारिक वस्तुओं से दूर रहते हैं। हमारे पास रुपए-पैसे नहीं रहते। इसके बाद आरोपियों ने आसपास की झाड़ियों से लकड़ी तोड़ी और बेल्ट आदि से मारपीट करने लगे। ग्रामीणों ने बताया कि जब वे लोग पहुंचे तो संतों के कपड़े फट चुके थे।

सूर्यास्त होने पर इस मंदिर में रात्रि विश्राम के लिए रुके थे जैन मुनि।

सूर्यास्त होने पर इस मंदिर में रात्रि विश्राम के लिए रुके थे जैन मुनि।

जगह-जगह प्रदर्शन, रैलियां निकालकर ज्ञापन सौंपा वहीं जैन मुनियों पर हमले केा लेकर प्रदेश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए। सिंगोली, नीमच, बालाघाट, आगर-मालवा, आष्टा में समाजजनों ने रैलियां निकालकर ज्ञापन सौंपे। वहीं सिंगोली थाना प्रभारी भूरालाल भाबर ने बताया कि गिरफ्तार किए आरोपियों को जावद कोर्ट में पेश किया गया। वहां से सभी को जेल भेज दिया गया।

सोमवार को आरोपियों का जुलूस निकाला गया था।

सोमवार को आरोपियों का जुलूस निकाला गया था।

ये 6 आरोपी गिरफ्तार

  • गणपत पिता राजू नायक निवासी चित्तौड़गढ़
  • गोपाल पिता भगवान निवासी चित्तौड़गढ़
  • कन्हैयालाल पिता बंशीलाल निवासी चित्तौड़गढ़
  • राजू पिता भगवान भाई निवासी चित्तौड़गढ़
  • बाबू शर्मा पिता मोहन शर्मा निवासी चित्तौड़गढ़
  • नाबालिग

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मंगलवार को नीमच में बाजार खुला रहा।

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नीमच में सकल जैन समाज ने मंगलवार को आक्रोश रैली निकाली

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जैन कॉलोनी स्थित जैन स्थानक से वाहन रैली निकाली गई।

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नीमच जिले के सिंगोली थाना क्षेत्र में तीन जैन मुनियों पर छह बदमाशों ने हमला कर दिया। जैन मुनि विश्राम करने रविवार रात सिंगोली मार्ग स्थित हनुमान मंदिर में रुके थे। रात करीब 12 बजे आरोपियों ने लूट के इरादे से लाठी और धारदार हथियार से हमला किया। घायल मुनियों ने अस्पताल जाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद सभी को जैन स्थानक भवन में रखा गया है। घटना के बाद जैन समाज की ओर से सिंगोली नगर बंद रखा गया। शाम को जैन समाज ने मौन जुलूस निकालकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। पूरी खबर पढें…

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