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इंदौर के तीन ईमली इलाके की जगन्नाथ रामगोपाल दाल मिल के मजदूर मोतीराम जामरे की मौत के मामले में नया खुलासा हुआ है।
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बताया जा रह है कि मोतीराम के मैनेजर और साथ काम करने वाले अन्य युवक ने उसके प्राइवेट पार्ट में हवा भर दी थी। शरीर की नसें फटने से उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने जांच और अन्य कर्मचारियों से पूछताछ के बाद मैनेजर और मोतीराम के साथी को दोषी मानते हुए उन पर एफआईआर दर्ज की है।
नसें फटने से ब्लीडिंग के चलते हुई मौत आजाद नगर पुलिस के एएसआई दीपेंद्र शर्मा ने बताया कि दाल मिल के मैनेजर धीरज पुत्र महेश लोवंशी, निवासी पवनपुरी पालदा और कर्मचारी महेन्द्र पुत्र दिलीप यादव के खिलाफ कम्प्रेशर मशीन से हवा भरकर युवक की जान लेने के मामले में केस दर्ज किया गया है। सुबह के समय मिल की सफाई करने के लिए कम्प्रेशर मशीन से हवा डाली जा रही थी। महेन्द्र ने वॉल खोला। इस दौरान मैनेजर ने लापरवाही पूर्वक पाईप मोतीराम के प्राइवेट पार्ट पर लगा दिया। इससे शरीर में तेजी से हवा चली गई और अंदर की नसें फटने के चलते ब्लीडिंग शुरू हो गई। कुछ देर बाद ही मोतीराम की मौत हो गई।
मैनेजर अस्पताल में छोड़कर भागा मैनेजर धीरज लोवंशी पहले मोतीराम को ई रिक्शा में डालकर निजी अस्पताल लेकर पहुंचा। उसने यहां एक्सीडेंट होने की बात बताई। इसके बाद वह उसे लेकर एमवाय पहुंचा। डॉक्टरों द्वारा पूछताछ करने पर वह मोबाइल पर बात करते हुए बाहर निकला और उसके बाद वहां से भाग गया। रविवार दोपहर शिनाख्त होने के बाद पुलिस ने मैनेजर, मिल मालिक और काम करने वाले मजदूरो से पूछताछ की। इसके बाद उक्त मामले में केस किया गया। कंडक्टर को बना दिया मैनेजर इस मामले में पुलिस ने आगे जांच की तो पाया था कि मिल मालिक ने बस कंडक्टर को ही तीन माह पहले काम पर रखा था। उसे अपने यहां मेनेजर की पोस्ट दे दी थी। मिल मालिक ने इस मामले में मजदूरों के बारे में भी थाने पर जानकारी नहीं दी थी। पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ कि इसी मिल में 5 साल पहले एक महिला की भी लापरवाही के चलते मौत हो गई थी।
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