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भारतीय सेना में सैनिकों की कमी: रक्षामंत्रालय ने संसद को दी जानकारी.

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SHORTAGE IN ARMED FROCES: भारतीय सेना दुनिया की दूसरी सबसे बडी सेना है. भारत से आगे सिर्फ चीन ही है. कभी 14 लाख से ज्यादा सैनिकों की आर्मी हुआ करती थी. अब यह आंकड़ा घटकर देश की सीमाओं की रक्षा में हमेश जुटे रह…और पढ़ें

सैनिकों की कमी से दो चार हो रही है भारतीय फौज

हाइलाइट्स

  • भारतीय सेना में 1 लाख सैनिकों की कमी है.
  • वायुसेना में 7 हजार कर्मियों की कमी है.
  • कोविड के दौरान भर्ती प्रक्रिया बंद थी.

SHORTAGE IN ARMED FROCES: भारत दो पड़ोंसी दुश्मन देश की चालाकियों से भली भांती वाकिफ है. समय समय पर चीन और पाकिस्तान अपनी हरकतों से यह साबित भी किया. 1999 में पाक से कारगिल किया तो 2020 में चीन ने पूर्वी लद्दाख में गलवान किया. भारतीय सेना समय के साथ साथ अपने आधुनिकिकरण के दौर से गुजर रही है. नए हाईटेक स्वदेशी उपकरणों से अपने ताकत में इजाफा कर रही है. लेकिन उसके पास सैनिकों की कमी हो रही है. इसमें अफसर भी शामिल है. फिलहाल आर्मी और एयरफोर्स में कमी के बारे में रक्षामंत्रालय ने संसद की स्टैंडिंग कमेटी को भी इसकी जानकारी दी.

आर्मी में एक लाख सैनिकों की कमी
इस समय आर्मी सैनिकों की कमी से जूझ रहा है. रक्षा मंत्रालय की तरफ से संसद की स्टैंडिंग कमिटी को इसकी जानकारी दी गई. जानकारी के मुताबिक सेना में कुल मिलाकर अफसर और सैनिकों की कमी 1 लाख के करीब है. सेना में ऑफिसर्स की मौजूदा संख्या 42,095 है. जो कि इस वक्त होनी चीहिए 50,538. यानी की 8,443 सेना में अफसरों की कमी है. इसमें मेडिकल कोर, डेंटल कोर और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस के आंकड़े सामिल नहीं है. इसी तरह सेना में जूनियर कमिशंड ऑफिसर्स और जवानों की संख्या 11,05,110 है जो कि ऑथराइज्ड स्ट्रेंथ 11,97,520 में से 92,410 कम है.इसी तरह से भारतीय वायुसेना में 12,929 अफसर होने चाहिए लेकिन हैं 11,916. वायुसेना में 1,013 अफसरों की कमी है. इसी तरह से एयरमेन की ऑथराइज्ड स्ट्रेंथ 1,46,030 है जबकि हैं 1,39,876. वायुसेना में 6,154 एयरमेन की कमी है.

कमी पूरी करने के लिए कोशिशें जारी
भारतीय सेना भर्ती के लिए अपने तय किए गए मापदंडो से छेड़छाड नहीं करती. लेकिन कई और तरीके है जिनके जरिए कमी पूरी करने की कोशिश की जा रही है. मसलन सर्विस सिलेक्शन सेंटर्स ने कई नए कदम उठाए हैं. कोई कैंडिडेट अपनी SSB की तारीख किसी वजह से ना भूल जाए उसके लिए अलग अलग जरिए से याद दिलाया जाता है. अगर किसी वजह से किसी कैंडिडेट का एक चांस मिस हो गया तो उसे दूसरा मौका भी दिया जा रहा है. शॉर्ट सर्विस के लिए वेकेंसी के बैच को बढ़ा दिए गए हैं.

कोविड के दौरान बंद थी भर्ती
कोविड के चलते दो साल तक सैनिकों की भर्ती ही नहीं हुई. लेकिन हर साल 60 हजार सैनिक रिटायर हुए. उन दो सालों में करीब 1 लाख 20 हजार सैनिक रिटायर हुए. VRS पर सेना की तरफ से रोक लगाई गई थी. नहीं तो यह संख्या और बढ़ सकती थी. सेना में भर्ती प्रक्रिया को अग्निपथ स्कीम के तहत साल 2022 से शुरू हुई. अग्निपथ स्कीम के तहत 40-40 हजार अग्निवीर की भर्ती हुई. इस दौरान भी 1 लाख के करीब रिटायरमेंट हुए.

कटौती का प्लान पहले से ही था
भारतीय सेना 2021 में ही सेना से एक लाख सौनिकों की कटौती करने की योजना पर काम कर रही थी. तत्कालीन सीडीएस जन बिपिन रावत ने संसद की रक्षा समीति के सामने सेना में तकनीक को बढावा देकर सैनिकों की संख्या कम करने का प्लान बताया था. उनके मुताबिक 3-4 साल में 1 लाख सैनिको की कटौती कर उनकी जगह तकनीक को तर्जीह देनी थी. उस वक्त भारतीय सेना की 14 लाख के करीब थी. इस इसमें से 1 लाख के करीब पहले ही कम हो गए . जितने बचे है उनमें भी 1 लाख के करीब और कमी से सेना जूझ रही है.

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मैनपावर की कमी से जूझ रही भारतीय सेना, 1 लाख आर्मी तो 7 हजार एयरफोर्स में कम


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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