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Calcutta High Court: मुर्शिदाबाद में तैनात हो सेंट्रल फोर्स, हाईकोर्ट का आदेश, ममता सरकार की एक ना चली

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Murshidabad Riots: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 8 अप्रैल से ही हालात तनावपूर्ण है क्योंकि हाल ही में लागू वक्फ कानून के खिलाफ यहां विरोध प्रदर्शन काफी हिंसक हो गया और प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी …और पढ़ें

अदालत अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती, मुर्शिदाबाद दंगे पर कलकत्ता हाईकोर्ट सख्त

कलकत्ता हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी. (पीटीआई)

हाइलाइट्स

  • मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन.
  • हाईकोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया.
  • केंद्र और राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी.

कोलकाता. कलकत्ता हाईकोर्ट ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती का आदेश दिया. यह जिला इन दिनों वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शनों से जुड़ी हिंसा से प्रभावित है. मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून को लेकर हुई हिंसक झड़पों में तीन लोगों की मौत हो गई और इस सिलसिले में 138 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

जस्टिस सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करने के लिए मुर्शिदाबाद के प्रभावित क्षेत्रों में सीएपीएफ की तैनाती का आदेश दिया. केंद्रीय बल राज्य प्रशासन के साथ तालमेल में काम करेंगे. जस्टिस सौमेन सेन की अगुवाई वाली खंडपीठ ने सभी नागरिकों के लिए शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने की संवैधानिक जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा, “ऐसी स्थिति आने पर अदालत अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती.” कोर्ट ने केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों से स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

अदालत ने राज्य सरकार और केंद्र दोनों को स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को निर्धारित की गई है. राज्य सरकार ने सुनवाई के दौरान बताया कि अब तक 138 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और एक एडीजी रैंक के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं. सरकार ने भरोसा दिया कि हालात नियंत्रण में हैं. इस पर जस्टिस सौमेन सेन ने सवाल उठाया कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती में क्या समस्या है? उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उन्हें भी तैनात किया जाना चाहिए. जस्टिस सेन ने स्पष्ट किया कि वे राज्य पुलिस को अक्षम नहीं कह रहे हैं, बल्कि अर्धसैनिक बल राज्य पुलिस का समर्थन करेंगे.

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर तुरंत सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस ने जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी की विशेष पीठ का गठन किया था. याचिका में बांग्लादेश सीमा से सटे और मुस्लिम बहुल जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती किये जाने का अनुरोध किया गया था.

राज्य के वकील ने अदालत को बताया कि मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित सुती, धुलियान और शमशेरगंज इलाकों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की सात कंपनियां तैनात की गई हैं. अधिकारी के वकील ने हालांकि आरोप लगाया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ कर्मियों को उचित तरीके से तैनात नहीं किया जा रहा है. पीठ ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शनिवार को छुट्टी के दिन याचिका पर सुनवाई की.

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