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नेशनल हेराल्ड केस: गांधी परिवार की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने AJL की संपत्तियां जब्त कीं

नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में गांधी परिवार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की अटैच की गई संपत्तियों पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह मामला कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेशनल हेराल्ड अखबार से संबंधित है और इसमें वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं.

ED ने 11 अप्रैल 2025 को दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के संपत्ति रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किए हैं. ये नोटिस उन इलाकों के लिए हैं जहां AJL की संपत्तियां स्थित हैं. इसका मतलब है कि अब इन संपत्तियों पर ED का नियंत्रण और भी मजबूत हो जाएगा.

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हर वित्तीय गतिविधि पर ED की नजर
इसके साथ ही ED ने मुंबई के बांद्रा (पूर्व) में स्थित हेराल्ड हाउस की 7वीं, 8वीं और 9वीं मंजिल पर काबिज जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को भी नोटिस भेजा है. इस कंपनी को अब हर महीने का किराया ED के खाते में जमा करने का आदेश दिया गया है. यह कदम दर्शाता है कि ED इस मामले से जुड़ी हर वित्तीय गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रही है.

ED की जांच में यह खुलासा हुआ है कि इस मामले में लगभग 988 करोड़ रुपए की अवैध कमाई हुई है. एजेंसी का मानना है कि यह पैसा अपराध के जरिए कमाया गया और इसे गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया. इसी वजह से ED ने 20 नवंबर 2023 को AJL की करीब 661 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों और 90.2 करोड़ रुपये के शेयरों को अस्थायी तौर पर जब्त किया था. 10 अप्रैल 2024 को सक्षम प्राधिकारी ने इस जब्ती को सही ठहराया है, जिससे ED के लिए इन संपत्तियों पर कब्जा लेने का रास्ता साफ हो गया है.

कैसे सामने आया था केस?
इस पूरे मामले की जड़ें 2014 में दर्ज हुई एक शिकायत से जुड़ी हैं. यह शिकायत बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में दर्ज कराई थी. उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत मोतीलाल वोरा, दिवंगत ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडियन नामक एक कंपनी पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया था. शिकायत में कहा गया था कि इन लोगों ने मिलकर AJL की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को धोखाधड़ी से हासिल किया.

ED की जांच में यह भी सामने आया कि यंग इंडियन, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नियंत्रण है, ने सिर्फ 50 लाख रुपये में AJL की इतनी बड़ी संपत्ति पर मालिकाना हक पा लिया. एजेंसी का मानना है कि यह लेनदेन मनी लॉन्ड्रिंग का एक हिस्सा था.

ED की जांच में क्या-क्या मिला?
जांच यहीं नहीं रुकी. ED ने यह भी पाया कि यंग इंडियन और AJL की संपत्तियों का इस्तेमाल आगे भी अवैध रूप से पैसा कमाने के लिए किया गया. इसमें लगभग 18 करोड़ रुपये का फर्जी चंदा, 38 करोड़ रुपये का फर्जी किराया और 29 करोड़ रुपये के फर्जी विज्ञापन शामिल हैं.

इन सभी खुलासों के बाद, ED ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 8 और संबंधित नियमों के तहत इन अवैध संपत्तियों पर कब्जा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. नियम 5(1) के तहत जारी किए गए नोटिस इन संपत्तियों के मुख्य हिस्सों पर भी चिपकाए गए हैं, ताकि सभी संबंधित पक्षों को इसकी जानकारी मिल सके.

नेशनल हेराल्ड मामला लंबे समय से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. अब ED की इस ताजा कार्रवाई से गांधी परिवार की कानूनी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या मोड़ आता है और कानून किस दिशा में आगे बढ़ता है.


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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