अंजी ब्रिज: 92 मंजिल की ऊंचाई पर ‘हवा’ में दौड़ेगी ट्रेन, रोमांचक होगा यहां का सफर

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Anji bridge- भारत के पहले केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज- अंजी खड्ड ब्रिज से सफर करना रोमांचक होगा. यह ब्रिज नदी से 331 मीटर (करीब 92 मंजिल के बराबर) ऊंचाई पर बना है.
19 अप्रैल को इस ब्रिज से गुजरेगी ट्रेन.
नई दिल्ली. कश्मीर घाटी घूमने का मन किसका नहीं होता होगा, जब लोगों को मौका मिलता है, वादियों में घूम आते हैं. लेकिन घाटी के सफर का यह सफर रोमांचक हो जाए तो कहने ही क्या. कुछ ऐसा ही सफर कश्मीर घाटी ट्रेन से जाने वालों का होगा. क्योंकि अंजी ब्रिज इस सफर का आनंद दोगुना कर देगा. यह ब्रिज नदी से 331 मीटर (करीब 92 मंजिल के बराबर) ऊंचाई पर बना है.
भारत के पहले केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज- अंजी खड्ड ब्रिज जम्मू-कश्मीर की चुनौतीपूर्ण घाटियों के बीच अंजी नदी की गहरी खाई को पाटता है. कटरा और रियासी के बीच बना यह ब्रिज भारतीय इंजीनियरिंग के आत्मविश्वास और स्किल का बेहतरीन मिसाल है.
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक पर बना है ब्रिज
यह ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो कटरा-बनिहाल रेल खंड में बनाया गया है. यह ब्रिज घाटी को देश के बाकी हिस्सों रेल मार्ग से जोड़ता है.
आकर्षक डिजाईन के साथ बने इस ब्रिज का निर्माण कार्य सिर्फ 11 महीने में ही पूरा कर लिया गया है, जो नदी तल से 331 मीटर ऊंचाई पर स्थित है जबकि नींव से 193 मीटर ऊंचा एक मजबूत सेंट्रल पायलन पर टिका हुआ है. जो इसकी पूरी संरचना को संतुलन में रखता है.
भारत का दूसरा सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज
अंजी खड्ड ब्रिज, चिनाब ब्रिज के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज भी है. इस ब्रिज को 96 केबलों के सहारे बनाया गया है, जिनका कुल वजन 849 मीट्रिक टन और कुल लंबाई 653 किलोमीटर है. 725 मीटर लम्बे इस ब्रिज की संरचना में 8,215 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है.
गांव और कस्बों को जोड़ता है ब्रिज
यह ब्रिज घाटी के दूर-दराज इलाकों में बसे गांवों और कस्बों का बड़े शहरों के साथ सीधा संपर्क स्थापित करता है, जिससे चिकित्सा, शिक्षा और अन्य सुविधाओं की उपलब्धता आसान हो जाएगी. बेहतर कनेक्टिविटी के वजह से स्थानीय लोगों लिए रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे. साथ ही घाटी में व्यापार और पर्यटन को भी जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा.
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