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खंडवा में धोखाधड़ी के एक मामले में फरार चल रहे आरोपी की अग्रिम जमानत के लिए आरोपी की ओर से महिला ने कोर्ट में शपथ पत्र पेश किया। जांच में वह पत्र झूठा निकला। इस पर महिला के विरुद्ध कोर्ट ने प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए हैं। महिला रिश्ते में आरोपी की
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चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र जोशी की कोर्ट में केस डायरी के अवलोकन से यह पता चला कि अभियुक्त महेंद्र सिंह की ओर से अग्रिम जमानत आवेदन पत्र यह अभिकथित करते हुए पेश किया है कि उक्त आवेदन पत्र प्रथम जमानत आवेदन पत्र है। इसके पूर्व किसी भी सत्र न्यायालय या उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत आवेदन न तो प्रस्तुत किया है, न ही निराकृत हुआ है और न ही लंबित है।
सुनीता जामले ने शपथ-पत्र में यह भी बताया है कि आरोपी महेंद्र उसके जीजाजी है। शपथ पत्र के आधार पर शपथ गृहिता के द्वारा उक्त आवेदन पत्र को प्रथम जमानत आवेदन पत्र होना बताया था।
मिथ्या साक्ष्य देकर कोर्ट को गुमराह किया
अपर लोक अभियोजक मनीष बरोले ने बताया केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट हुआ कि आवेदक ने अभियुक्त की ओर से 16 मई 2024 को जो प्रथम अग्रिम जमानत आवेदन पत्र पेश किया था वह प्रथम नहीं था। इससे पहले भी जमानत के लिए आवेदन लगाया जा चुका था।
इसीलिए कोर्ट ने उसे निराकृत कर दिया। साथ में यह भी स्पष्ट होता है कि शपथ गृहिता सुनीता पति प्रेमलाल जामले के द्वारा कोर्ट को गुमराह करने व मिथ्या साक्ष्य दिए जाने और द्वितीय जमानत आवेदन पत्र को प्रथम जमानत आवेदन पत्र बताते हुए शपथ पर कथन किए गए हैं। जो कि, दंडनीय अपराध है। सोमवार को कोर्ट ने सुनीता के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
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