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इंदौर नगर निगम की जनसुनवाई में नगर निगम आयुक्त (आईएएस) शिवम वर्मा भड़क गए। मासूम बच्ची के साथ शिकायत लेकर पहुंची महिला की बात सुनते ही उन्होंने संबंधित निगम कर्मचारी को फटकार लगाई और मौके पर ही सस्पेंड करने का आदेश दे दिया। साथ ही उपायुक्त को निर्देश
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पहले जान लीजिए क्या है पूरा मामला
नगर निगम मुख्यालय पर मंगलवार को जनसुनवाई चल रही थी। निगम आयुक्त शिवम वर्मा खुद अधिकारियों के साथ जनसुनवाई में लोगों की शिकायतें सुन रहे थे। तभी यहां कविता पंकज धोलपुरे अपनी मासूम बच्ची के साथ शिकायत लेकर आई। महिला ने बताया कि वह स्व.निगम कर्मचारी पंकज धोलपुरे की पत्नी है। पति की मृत्यु के बाद वह लगातार अनुकंपा नियुक्ति के लिए निगम के स्वास्थ्य विभाग में आ रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग सेवा यूनिट में कोई सुनवाई नहीं करते हुए काम में देरी की जा रही है। पिछले दस महीने से वह परेशान है। इस शिकायत पर निगम आयुक्त ने यूनिट प्रभारी राजेश करोसिया को बुलाया और काम में देरी और लापरवाही करने पर जमकर फटकारा और उन्हें निलंबित करने के आदेश दे दिए।

निगम कर्मचारी को फटकार लगाते नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा।
ऐसे लगाई नगर निगम आयुक्त ने लताड़
कविता एक बच्ची व परिजन के साथ निगम आयुक्त के सामने बैठी और उन्हें पूरी समस्या बताई। निगम आयुक्त महिला के दस्तावेज देखने लगे। उन्होंने राजेश करोसिया को बुलाकर लाने को कहा। करोसिया के आने पर निगम आयुक्त ने दस्तावेज में लिखी डिटेल को पढ़कर बताया।
आयुक्त बोले – तुम काम क्यों नहीं कर रहे हो। आयुक्त ने कुछ सवाल भी पूछे कहा कोर्ट का आदेश भी दे दिया है।
निगमकर्मी राजेश करोसिया – मेरे पास आदेश नहीं आया।
आयुक्त – भड़कते हुए कहा क्या उड़ता हुआ आएगा क्या ?
निगमकर्मी – मैं खुद घर जाकर सारी बातें समझाकर आया हूं।
आयुक्त – स्वास्थ्य विभाग उपायुक्त एसके सगर को बुलाया और पूछा इस तरह के कितने केस पेंडिंग है।
निगमकर्मी – केसों के बारें में बताया।
आयुक्त – 21-22 केस लेकर बैठे हो शर्म नहीं आ रही है क्या? उपायुक्त को कहा तुम समीक्षा करते हो ऐसे बैठकर। बस ऐसे ही करते रहो बैठकर, यहां व्यक्ति बैठकर परेशान होता रहे।
आयुक्त – ने निगमकर्मी करोसिया को लेकर कहा इनको सेवा से हटाओ, ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है। करोसिया से पूछा आप परमानेंट हो।
निगमकर्मी – हाथ जोड़कर कहा परमानेंट हूं।
आयुक्त – सस्पेंड करो इनको पहले। गुस्से में कहा मजाक चल रहा है क्या यहां पर।
निगमकर्मी ने मामले से जुड़ी समस्या बताई।
आयुक्त – ने उपायुक्त को कहा कि दो घंटे में इनका नियुक्त पत्र चाहिए नहीं तो तुम भी सस्पेंड हो जाओगे। ऐसे जितने केस है अगले पांच दिन में क्लियर होना चाहिए। कोई अगर मेरे पास आ गया तो तुम्हारी खेर नहीं।
इसके बाद निगम आयुक्त ने महिला को कहा कि आपको दो घंटे में लेटर दे रहे है। आयुक्त के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 3 घंटे में जनसुनवाई में आई महिला को अनुकंपा नियुक्ति का आदेश दिया।

नगर निगम की जनसुनवाई में शिकायत लेकर पहुंची थी महिला।
10 महीने से परेशान हो रही थी मैं
कविता ने कहा कि वह पिछले दस महीने से परेशान हो रही थी। आज जनसुनवाई में आई। राजेश करोसिया ने दस महीने से परेशान कर दिया था। मुझे न तो नौकरी न ही पेंशन दी जा रही थी। सर के सामने आई तो उन्होंने दो घंटे में कार्रवाई कर मुझे नौकरी के आदेश दे दिए। आदेश के बाद मैं बहुत खुश हूं अब मैं अपनी बेटी का भरण पोषण कर सकती हूं।
दूर की जाएगी पेंडेंसी
नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने कहा कि आज जो ये शिकायत आई वह गंभीर शिकायत है। निगमकर्मी को सस्पेंड करने का आदेश दे दिया है। इस तरह के जितने मामले है उन्हें विशेष अभियान चलाकर पेंडेंसी को क्लियर करेंगे। अनुकंपा नियुक्ति तत्काल समय पर मिलना चाहिए। क्योंकि परिवार पर पहले ही दुखों का पहाड़ टूटा होता है। ये बहुत आवश्यक है कि अनुकंपा नियुक्ति का प्रकरण समय पर किया जाए। इधर, मंगलवार को राजस्व, मार्केट, भवन अनुज्ञा, स्वास्थ्य विभाग, रिमूवल विभाग, सीवरेज विभाग, जनकार्य विभाग सहित अन्य विभागों के 45 आवेदन आयुक्त के सामने आए।
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