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Jahanabad Abhishek Success Story: जहनाबाद के रहने रहने वाले अभिषेक अपनी कंपनी में आचार के कई वैरायटी बना रहे हैं. इसकी शुरूआत महज 500 रूपए से की थी. अभी अभिषेक 15 वैरायटी के अचार बना रहे हैं और 15 वैरायटी बाजार…और पढ़ें
नेरा आचार के मालिक अभिषेक कुमार
हाइलाइट्स
- अभिषेक ने 500 रुपए से अचार कंपनी शुरू की.
- उनकी कंपनी 15 प्रकार के अचार बना रही है.
- फ्लिपकार्ट, अमेजन पर अचार की मार्केटिंग कर रहे हैं.
जहानाबाद. मन में कुछ कर गुजरने की ललक हो तो मंजिले मिल ही जाती है, यह कथन कहीं न कहीं जहानाबाद के रहने वाले अभिषेक कुमार पर फिट बैठती है. कभी 500 रुपए से अपना व्यापार को शुरू करने वाला एक 35 साल का युवक आज एक कंपनी खड़ी कर लेगा, ये कोई नहीं सोचा होगा. यह कहानी अभिषेक की है. आज वह अपनी कंपनी में अचार के कई वैरायटी बना रहे हैं. इसकी मार्केटिंग वह फ्लिपकार्ट, अमेजन से लेकर अपने आउटलेट से कर रहे हैं.
इस बिजनेस में वह अपने साथ 8 लोगों को रोजगार दे रखा है. इसके साथ ही वह अपनी कंपनी के नाम का एक वेबसाइट भी लॉन्च कर रखा है, जिससे आसानी से हर कस्टमर आचार खरीद सके. उनकी कंपनी का नाम नेरा अचार है.
पहले चूड़ी का व्यापार करते थे अभिषेक
दरअसल, अभिषेक 2020 से पहले चूड़ी का व्यापार करते थे. हालांकि, कोरोना महामारी ने उनकी रोजी- रोटी छीन ली. उसके बाद घर पर कुछ समय तक बैठे रहे. इसी दौरान न्यूज पेपर ने एक रास्ता दिखाया, उसमें प्रवासी मजदूर के लिए कई मौके प्रदान किए गए थे. उसी विज्ञापन को देखकर मशरूम के बारे में जानने की कोशिश की. इसके लिए कृषि कार्यालय तक गए. चुकी यह मालूम नहीं था कि मशरूम का व्यापार कैसे होता है, इससे कोई अन्य कोई प्रोडक्ट भी तैयार होते हैं? फिर जब वहां पहुंचा तब सभी जानकारी प्राप्त हुई.
500 रुपए से शुरू हुई यात्रा
यहीं से उनकी मशरूम जर्नी शुरू हो गई. जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में जाकर मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग ली. 2 साल तक उत्पादन भी किया. जब ऐसा महसूस हुआ कि इसमें लाभ नहीं मिल रहा है, तो फिर इसी से कुछ अन्य व्यापार करने का रास्ता तलाशना शुरू किया. ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र गंधार से हमने मशरूम से अचार बनाने की ट्रेनिंग ली, जिसके बाद इस पड़ाव पर चल पड़ा. मशरूम अचार बनाने की यात्रा 2022 से ही शुरू होती है. इसमें अभिषेक को उनकी मां का भी भरपूर सहयाेग मिल रहा है.
15 प्रकार के अचार बना रही हमारी कंपनी
अभिषेक ने बताया कि माताजी घर पर अचार बनाती गई और हम इसे बाजार लाने में जुट गए. सब लाइसेंस ले लिए और आज की तारीख में हमारा प्रोडक्ट ऑनलाइन-ऑफलाइन सब जगह पर उपलब्ध है. यह व्यापार 500 रुपए से शुरू हुआ था. अभिषेक ने लाेकल 18 को बताया कि 22 मार्च को बिहार उद्यमिता सम्मान से सम्मानित किया गया है. इसके अलावा 7 मार्च को जिले में आचार प्रतियोगिता में अव्वल स्थान प्राप्त हुआ था, जिसका सर्टिफिकेट भी हमें मिला है. अभी हमारे पास अलग-अलग तरह के 15 प्रकार के अचार हैं. अभी और 15 प्रकार के अचार लाने की तैयारी चल रही है. अभी हमारे पास 60 से 80 रुपए तक के अचार हैं.
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