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इंदौर में मार्च महीने की सबसे बड़ी रजिस्ट्री हुई है। इस रजिस्ट्री से शासन को 27 करोड़ का राजस्व मिला है। जिस जमीन की रजिस्ट्री हुई है उसकी वैल्यू 218 करोड़ से भी ज्यादा है। यह जमीन इंदौर की काफी पुरानी जमीनों में शुमार है। इसका आगामी दिनों में डेवलपमेंट
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27 करोड़ रुपए का राजस्व मिला
वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि 29 मार्च को इंदौर 3 ऑफिस में इस दस्तावेज का पंजीयन हुआ है। इसमें प्रॉपर्टी की वैल्यू 218 करोड़ की है। उन्होंने बताया कि यह हुकुमचंद मील की प्रॉपर्टी है, जिसे इंदौर में सभी जानते है। इंदौर नगर निगम की ओर ये दस्तावेज पंजीकृत हुआ मध्यप्रदेश हाउसिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड के पक्ष में। इसमें गवर्नमेंट को 27 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है। शर्मा ने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार यह राजस्व की दृष्टि से सबसे बड़ी रजिस्ट्री है मार्च महीने में।

वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक कुमार शर्मा।
बोर्ड ने रजिस्ट्री की राशि दी
नगर निगम की प्रभारी अपर आयुक्त लता अग्रवाल ने बताया कि परसों हुकुमचंद मील की जमीन की रजिस्ट्री की गई है। शासन के आदेश के बाद ही यह हुआ है। मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने रजिस्ट्री की राशि दी है। रजिस्ट्री पर जमीन पर वैल्यू लिखी है। फिलहाल निगम को कुछ नहीं मिला है। इस जमीन को जब मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड द्वारा डेवलप किया जाएगा उसके बाद नगर निगम को इसमें से प्रॉफिट मिलेगा।

नगर निगम ने मध्यप्रदेश हाउसिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड को दी जमीन।

218 करोड़ से ज्यादा है प्रॉपर्टी की वैल्यू। रजिस्ट्री में मेंशन की राशि।
3 हजार 77 करोड़ का टारगेट मिला था
रविवार रात 12 बजे के बाद तक दस्तावेजों का पंजीयन चलता रहा। इस बार 3 हजार 77 करोड़ का लक्ष्य मिला था। पूरा प्रयास है कि अधिक से अधिक लक्ष्य एकत्रित हो। उन्होंने कहा कि टारगेट हमेशा से बढ़ाकर दिया जाता है। इनकम में 15 से 18 प्रतिशत की वृद्धि लगातार चली आ रही है। इतनी वृद्धि हासिल करना थोड़ा कठिन है। आगामी समय में राजस्व और बढ़ने की संभावना है।
वरिष्ठ जिला पंजीयक, इंदौर 1 दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में कुल 2541 करोड़ की आय हुई है। 1.85 लाख दस्तावेजों का पंजीयन किया गया है। कुल लक्ष्य 3077 करोड़ रुपए राजस्व एकत्रित करने का था। यह प्रदेश के कुल राजस्व 11350 करोड़ का 22 प्रतिशत है।

पिछले साल 2414 करोड़ रुपए की आय विभाग को हुई थी।
इंदौर निगम ने कलेक्ट किया 1000 करोड़ का टैक्स
इंदौर नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए लगभग 1,000 करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स कलेक्शन किया। पहली बार है जब नगर निगम ने चार अंकों का आंकड़ा पार किया। जलकर, संपत्ति कर सहित अन्य करों के रूप में यह ऐतिहासिक संग्रह हुआ। शाम 7 बजे तक 980 करोड़ रुपए जमा हो चुके थे।
प्रॉपर्टी की कलेक्टर गाइड लाइन साल 2025-26 के लिए लगभग तय हो गई है। जिले में 26 प्रतिशत की औसत वृद्धि गाइड लाइन की दरों में होगी। पहले की 5 हजार लोकेशन को संपदा-2.0 सॉफ्टवेयर के हिसाब से बदलते हुए अब कुल 4680 लोकेशन के लिए गाइड लाइन तय की गई है।

कलेक्टर कार्यालय स्थित वरिष्ठ जिला पंजीयक ऑफिस में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
आज से बढ़ेंगी रजिस्ट्री की दरें
इनमें 3226 लोकेशन, एरिया, कॉलोनियों के लिए बढ़ोतरी में सबसे ज्यादा 150 से 170 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी बुढ़ानिया, बिसनावदा, निपानिया, अर्जुन बड़ौद, धरनावद, डकाच्या, झलारिया, आउटर रिंग रोड में शामिल गांव, 79 गांवों की जमीन और इंदौर-खंडवा रोड के गांवों में यह बढ़ोतरी की गई है। दैनिक भास्कर ने इसका खुलासा पहले ही कर दिया था। 240 नई कॉलोनियों को पहली बार गाइड लाइन में शामिल किया है।
कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में विधायक महेंद्र हार्डिया सहित पंजीयन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
636 लोकेशन ऐसी हैं, जहां 51 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी गाइड लाइन दरों में की गई है। वहीं 1800 लोकेशन ऐसी हैं, जहां 21 से 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी प्रस्तावित है। साल 2024-25 में 2400 लोकेशन पर यह बढ़ोतरी की गई थी।
हालांकि नवंबर में भी एक प्रस्ताव पंजीयन विभाग ने बनाया था, लेकिन उस पर राज्य सरकार की अनुमति नहीं मिल पाई थी। इधर अधिवक्ता प्रमोद द्विवेदी ने कहा कि बैठक में सिर्फ एक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। उन्हें भी बैठक के थोड़ी देर पहले ही जानकारी दी गई। हजारों कालोनियां का फैसला अधिकारी खुद करेंगे, जनता का पक्ष किसी ने नहीं रखा।
चालू वित्तीय वर्ष में सांवेर में सबसे ज्यादा नई कॉलोनी बनीं
साल 2024-25 में 5 हजार में से 1108 लोकेशन, कॉलोनी या एरिया ऐसे रहे, जहां रजिस्ट्रियां कम संख्या में हुई और गाइड लाइन से कम रेट में हुई, कुछ जगह हुई भी नहीं। इसलिए इनमें बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया। जिले में सबसे ज्यादा कालोनियां चालू वित्तीय वर्ष में सांवेर में बनी हैं। इसके बाद इंदौर-4 जो सुपर कॉरिडोर का हिस्सा है वहां। इंदौर-1 में 11, 2 में 48, तीन में 21, 4 में 54, महू में 35, सांवेर में 63, देपालपुर में 8 नई कॉलोनियां जुड़ीं।
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