[ad_1]
समाधान ऑनलाइन में जिलों के कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बातचीत की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महीने के आखिरी शुक्रवार को हुई समाधान ऑनलाइन बैठक में कई अफसरों और कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। निलंबित अधिकारियों में रीवा के तहसीलदार, मऊगंज नगर पंचायत के सीएमओ और सब-इंजीनियर भी शामिल हैं।
.
योजनाओं का लाभ मिलने में हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री यादव ने अधिकारियों से कहा,
“जो काम करना ही है, उसमें देरी क्यों की जाती है? ऐसा करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज मंत्रालय में समाधान ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों की समस्याओं के निराकरण की समीक्षा की। इस वर्चुअल बैठक में प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, आईजी, कमिश्नर और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री यादव ने रीवा जिले के जवा तहसीलदार राजेंद्र शुक्ल को निलंबित कर दिया। शुक्ल को अपने क्षेत्र में एक रहवासी की भैंस मरने के बाद आरबीसी 6(4) के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता न देने के कारण निलंबित किया गया।
इसी तरह, मऊगंज जिले के प्रभारी नगर पंचायत सीएमओ महेश पटेल को सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत के आधार पर निलंबित किया गया। मऊगंज कस्बे के वार्ड नंबर 1 की एक कॉलोनी में पिछले तीन महीनों से पानी की आपूर्ति बाधित थी, जिससे स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने और अन्य लापरवाहियों के कारण जल प्रदाय प्रभावित हुआ। इस मामले में सीएमओ का लापरवाही मानते हुए नगरीय विकास विभाग के आयुक्त ने उनका निलंबन आदेश जारी किया।
इसके अलावा, नगर पंचायत के उपयंत्री राजेश प्रताप सिंह को भी निलंबित कर दिया गया। सिंह पर पेयजल आपूर्ति में लापरवाही बरतने का आरोप है।
[ad_2]
Source link



