सरकारी स्कूल से पढ़े लड़के के हाथ में टाटा ग्रुप का कारोबार, 100 करोड़ सैलरी

Success Story: सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को हमेशा से कमतर समझा जाता रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है. आज सरकारी स्कूलों से पढ़े छात्र इंग्लिश मीडियम स्टूडेंट्स की तुलना में काफी आगे और बड़े पदों पर हैं. हम आपको एक सरकारी स्कूल में पढ़े एक ऐसे सीईओ की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं जो देश और दुनिया की सबसे बड़ी व पुरानी कंपनी का कारोबार संभाल रहा है. खासकर, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले करोड़ों बच्चों के लिए एन चंद्रशेखरन की कहानी एक बड़ी मिसाल है.
एन चंद्रशेखरन, टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के वर्तमान चेयरमैन हैं. उनका जीवन और शिक्षा दोनों बेहद साधारण रही लेकिन, आज वे भारत के सबसे बड़े और सबसे सम्मानित व्यावसायिक समूहों में से एक का नेतृत्व कर रहे हैं. यह एक असाधारण उपलब्धि है. खास बात है कि दिवंगत रतन टाटा ने कई लोगों को दरकिनार करते हुए एन चंद्रशेखरन को यह बड़ी जिम्मेदारी दी थी.
गांव के सरकारी स्कूल में पढ़े
डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, 1963 में तमिलनाडु के नमक्कल जिले के मोहनुर गांव में एक साधारण किसान परिवार में जन्मे एन चंद्रशेखरन ने अपनी शुरुआती स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूल से पूरी की. इसके बाद उन्होंने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एप्लाइड साइंसेज की पढ़ाई की और फिर तिरुचिरापल्ली के रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (MCA) की डिग्री हासिल की.
इंटर्न बनकर आए और बन गए CEO
एन चंद्रशेखरन ने टाटा समूह के साथ अपने करियर की शुरुआत 1987 में की, जब वे बतौर इंटर्न टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में शामिल हुए. इसके बाद वे अपने टैलेंट और मेहनत से आगे बढ़े. 20 साल के इंतजार के बाद 2007 में एन चंद्रशेखरन कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) बने गए. इसके बाद 2 साल बाद ही उन्हें 46 साल की उम्र में TCS का CEO नियुक्त किया गया.
कितनी है नेटवर्थ
अपने पूरे करियर के दौरान, चंद्रशेखरन ने रतन टाटा के साथ मिलकर काम किया, जिन्होंने उन पर बहुत भरोसा किया. मेंटर के साथ रतन टाटा एन चंद्रशेखर के करीबी दोस्त भी रहे. उन्होंने समूह को आगे बढ़ाने के लिए चंद्रशेखरन को चुना.
एन चंद्रशेखरन की नेटवर्थ लगभग 100 मिलियन डॉलर (लगभग ₹855 करोड़) आंकी गई है. कथित तौर पर वह सालाना ₹100 करोड़ से ज़्यादा कमाते हैं. वह मुंबई में ₹98 करोड़ की कीमत के आलीशान डुप्लेक्स फ़्लैट में रहते हैं. गांव में जन्मे, किसान परिवार में पले और सरकारी स्कूल से पढ़े एन चंद्रशेखरन की कहानी वाकई कई युवाओं के लिए प्रेरणा है.
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