हम तोपों से बात करते हैं…ISIS का जेलेंस्की के बहाने ट्रंप पर निशाना, बड़े हमले के खौफ में अमेरिका

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आईएसआईएस ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बहाने अमेरिका और उसके सहयोगी मुस्लिम नेताओं को धमकी दी है. संगठन ने कहा कि ‘युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ’ और अमेरिका के खिलाफ उनकी ताकत बढ़ गई है.
आईएसआईएस ने कहा कि वो केवल तोपों से बात करता है. (Image:News18)
हाइलाइट्स
- आईएसआईएस ने अमेरिका और सहयोगी मुस्लिम नेताओं को धमकी दी.
- आईएसआईएस ने जेलेंस्की के बहाने अमेरिका को चेतावनी दी.
- अमेरिका में बड़े हमले की आशंका, सुरक्षा कड़ी.
नई दिल्ली. आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने हाल ही में कई पोस्टर जारी कर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बहाने अमेरिका और उसके सहयोगी मुस्लिम नेताओं को निशाना बनाया है. इन पोस्टरों में संगठन ने धमकी भरे लहजे में कहा है कि वह ‘बातचीत सिर्फ रायफलों और तोपों से करता है.’ आईएसआईएस ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि ‘युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ.’ इससे पहले कभी भी आईएसआईएस ने जेलेंस्की को लेकर कोई चेतावनी जारी नहीं की थी. इसके कारण अमेरिका की खुफिया एजेंसिया चौकन्नी हो गई हैं कि कहीं आतंकी संगठन किसी बड़े हमले की तैयारी में तो नहीं है.
आतंकी संगठन आईएसआईएस ने दावा किया है कि ‘अल्लाह की कृपा से तुम हार जाओगे, क्योंकि हमारी तलवारें म्यान में नहीं गईं, हमारी भुजाएं थकी नहीं हैं और हमारा संकल्प कमजोर नहीं पड़ा.’ इसके साथ ही, इस्लामिक स्टेट ने यह भी कहा कि अमेरिका के खिलाफ उनकी ताकत जंग की शुरुआत से कई गुना बढ़ गई है.
संगठन ने मुस्लिम देशों के उन नेताओं को भी चेतावनी दी है, जिन्हें वह अमेरिका का सहयोगी मानता है. पोस्टर में कहा गया कि ‘इस्लामिक स्टेट ने सुख-दुख में तौहीद को कायम रखा, लेकिन अमेरिका ने आपको अपनी साजिश में घसीट लिया और उसके खिलाफ लड़ने के लिए अपने घर बुलाया.’ इसका अर्थ है कि संगठन मुस्लिम देशों से आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका का साथ न देने की अपील कर रहा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इन धमकियों के पीछे इस्लामिक स्टेट की मंशा अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के खिलाफ किसी बड़ी आतंकवादी साजिश को अंजाम देना हो सकती है.
इसी क्रम में, इस्लामिक स्टेट ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को भी निशाने पर लिया. संगठन ने कहा कि ‘अमेरिका में जेलेंस्की के साथ जो हुआ, वह उन लोगों के लिए सबक है जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय में शरण लेते हैं और सोचते हैं कि वे सहायता या प्रतिबंध हटवाकर अमेरिकी समर्थन हासिल कर सकते हैं.’ संगठन का इशारा इस ओर है कि अमेरिका अपने सहयोगियों की मदद में कटौती करता है और उन्हें प्रतिबंधों की धमकी देता है.
ये बयान जेलेंस्की और पश्चिमी देशों के बीच संबंधों पर तंज कसते हुए इस्लामिक स्टेट के प्रचार का हिस्सा माने जा रहे हैं. अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इन संदेशों को गंभीरता से ले रही हैं और आशंका जता रही हैं कि यह संगठन किसी बड़े हमले की योजना बना रहा है. स्थिति पर नजर रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा रही है.
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