Former minister Bhargava’s son raised questions on BMC | ‘मरीज से ऐसा व्यवहार होता है जैसे आतंकवादी हों’: पूर्व मंत्री के बेटे अभिषेक भार्गव ने लिखा- सागर मेडिकल कॉलेज की सीएम से शिकायत करूंगा – Sagar News

सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) में डेढ़ साल की बच्ची की मौत और इलाज में अनियमितताओं को लेकर पूर्व मंत्री और रहली विधायक गोपाल भार्गव के बेटे भाजपा नेता अभिषेक भार्गव ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। बीएमसी में ड
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उन्होंने लिखा कि कई वर्षों से बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने गए मरीजों का या उनके परिजनों का लगभग हर दूसरे-तीसरे दिन फोन आता है। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की बिगड़ी हुई व्यवस्था के बारे में शिकायत करने के लिए। कई-कई दिनों तक मरीजों को ऑपरेशन के लिए इंतजार कराया जाता है।
जांच के लिए बाहर निजी स्थानों पर भेजा जाता है। जिन डॉक्टरों को मेडिकल कालेज में सेवाएं देने के लिए वेतन दिया जाता है वह मेडिकल कालेज से ज्यादा निजी अस्पतालों में समय दे रहे हैं। मेडिकल में शायद ही कोई ऐसा कर्मचारी हो जो वहां इलाज कराने आए हुए मरीजों और उनके परिजनों से बिना दुत्कारे हुए सभ्यता से बात करता हो। नर्सिंग स्टॉफ तो मरीजों से ऐसा व्यवहार करता है जैसे मरीज आतंकवादी हों।
भोपाल या निजी अस्पताल में जाने की देता हूं सलाह उन्होंने लिखा कि बीएमसी में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स, जूनियर डॉक्टरों का तहलका तो सब जानते ही हैं कि जरा सी बात पर मरीज और परिजनों की लात-घूंसे तो ठीक हॉकी डंडों से मारपीट तय हो जाती है। मेडिकल कालेज प्रबंधन अखबारों मे खबरें छपवाता है कि फलाने डॉक्टर ने मेडिकल कालेज में अत्यंत जटिल ऑपरेशन को सफलता पूर्वक संपन्न करवा कर मरीज को जीवन दान दिया। सैकड़ों करोड़ों की लागत और सागर जिला वासियों की लाखों आशाओं, उम्मीदों से बना है यह मेडिकल कालेज।
लेकिन जिलावासियों का दुर्भाग्य देखिए कि सागर में चलने वाले छोटे-मोटे निजी अस्पतालों तक में मस्तिक, हृदय और रीढ़ के जटिल से जटिल ऑपरेशन किए जा रहे हैं। लेकिन हमारा बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सिर्फ जनरल सर्जरी, हड्डी और महिलाओं की डिलीवरी तक सीमित होकर रह गया है। अब तो जब भी क्षेत्र का कोई व्यक्ति मुझे मेडिकल कालेज में भर्ती होकर व्यवस्थाओं के लिए फोन लगाता है तो मैं उसे तुरंत डिस्चार्ज करा कर या तो भोपाल के अस्पतालों या सागर के ही अन्य अस्पतालों में भर्ती होने की सलाह भी देता हूं और उनकी व्यवस्था भी करता हूं।
बच्ची का वीडियो देखकर रूह कांप गई अभिषेक भार्गव ने लिखा कि भोपाल में था जब सानौधा ग्राम से किसी व्यक्ति का फोन आया और उसने मुझे दर्दनाक हादसे की और उस समय चल रहे चक्काजाम की जानकारी दी। जांच कर न्याय की मांग की। मैंने जिला स्वस्थ अधिकारी और मौके पर मौजूद अनुविभागीय अधिकारी से भी बात कर वस्तु स्थिति जानने का प्रयास किया। फिर मैंने विधायक प्रदीप लारिया से बात की। उन्होंने बहुत स्पष्ट शब्दों में कहा कि हर संभव मदद करेंगे और जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
दिवंगत बालिका के परिजनों ने मुझे मृत बच्ची की देह का एक वीडियो भेजा। जिसे देख कर मेरी रूह कांप गई और लिखने पर मजबूर होना पड़ा। हम सागर वासियों को मेडिकल कॉलेज के रूप में वरदान मिला है या भयंकर श्राप? मेरा जनप्रतिनिधियों और जनता से आग्रह है कि मेडिकल कालेज की व्यवस्थाएं सुधारना बहुत जरुरी है। एक तरफ हमारी सरकार तरह-तरह के संसाधन मुहैया करा कर जनकल्याणकारी योजना बना कर बेहतर से बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर देकर गरीब आदमी के बेहतर से बेहतर इलाज का प्रबंध कर रही है।
वहीं दूसरी ओर जिनके हाथों में मेडिकल कालेज को चलाने का जिम्मा है वह अत्यंत असंवेदनशील है। मैं व्यक्तिगत रूप से प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और चिकित्सा शिक्षा मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुल्क के सामने मामला रखूंगा।
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