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संगोष्ठी में बात रखते उपस्थित नागरिक।
गुना में शनिवार को विश्व जल दिवस पर सिंगवासा तालाब पर जल गोष्ठी का आयोजन किया गया। “गुना जल संरचनाएं समस्या और संभावना” विषय पर जल मित्रों ने चर्चा की और जिला प्रशासन को एक प्रस्ताव सौंपा।
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पानी बचाओ आंदोलन के तत्वावधान में इंजीनियर एसके राजोरिया की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में विकास बंसल विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन लोकेश शर्मा ने किया, जबकि डॉ. पुष्पराग ने संगठन व्यवस्था संभाली।
गोष्ठी में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि गुना में औसत वर्षा के बावजूद गर्मियों में जल संकट होता है। शहर में तीन तालाब और तीन नदियां हैं, जो बरसात में ओवरफ्लो होती हैं, फिर भी जल प्रबंधन के अभाव में समस्या बनी रहती है।
प्रस्ताव में गुनिया नदी पर 2017 के एनजीटी आदेश के पालन की मांग की गई है। साथ ही तालाबों की सफाई कराने और नौका विहार को पुनः शुरू करने की मांग की गई है। पानी बचाओ आंदोलन की टीम ने जन सहयोग से भुजरिया तालाब के जीर्णोद्धार में मदद की पेशकश की है। साथ ही 3 करोड़ के गेल स्पोंसर्ड भुजरिया प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने की मांग की गई है।
बता दें कि, विगत 20 वर्षों में शहर में टोंटी लगाओ अभियान, कुओं की सफाई, तालाब गहरीकरण और मिशन भू-जल जैसे कार्यक्रमों से जल जागरूकता बढ़ी है। गुना मकरोदा, गोपी कृष्ण और संजय सागर डेम से घिरा है और सिंध व पार्वती नदियों के बीच स्थित है। अब जरूरत है घर, शहर और जिले के स्तर पर जल संरक्षण की।
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