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जर्मनी की नौकरी छोड़ आंवला लड्डू से 1 करोड़ कमाने वाले अशोक कुमावत की कहानी

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अशोक कुमावत ने जर्मनी की 2 लाख रुपए महीने की नौकरी छोड़कर भारत में आंवला और मिलेट्स उत्पाद बनाना शुरू किया. उनका स्टार्टअप 1 करोड़ का टर्नओवर कर चुका है और 25-30 लोगों को रोजगार दिया है.

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आंवले की खेती करने वाले युवा किसान अशोक कुमावत

हाइलाइट्स

  • अशोक कुमावत ने जर्मनी की नौकरी छोड़ भारत में स्टार्टअप शुरू किया.
  • उनका स्टार्टअप 1 करोड़ का टर्नओवर कर चुका है.
  • 25-30 लोगों को रोजगार दे रहे हैं अशोक कुमावत.

पाली. हर व्यक्ति के मन में यह ख्वाब होता है कि वह पढ़ लिखकर विदेश में नौकरी करें जहां उसका लाखों में पैकेज हो, मगर हम आपको एक ऐसे व्यक्ति से मिलवाएंगे जिन्होंने जर्मनी में एक अच्छी खासी 2 लाख रुपए महीने वाली नौकरी को छोड़कर अपने वतन भारत लौट आए और यहां पर आकर आंवला और मिलेट्स के उत्पाद बनाना सीखा और आज आंवले के लड्डू बेच रहे हैं.

हम बात कर रहे है युवा किसान अशोक कुमावत की जो कभी जर्मनी में रोबोट्स को ट्रेनिंग देने का काम करते थे. फर्क इतना है कि कल तक वह अशोक खुद दूसरों के यहां नौकरी कर रहे थे और आज वह अपने साथ-साथ 25 से 30 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं. साथ ही जब इसकी शुरुआत की तो थे उस वक्त 25 लाख के करीब टर्नओवर था जो आज एक करोड़ से भी ज्यादा तक पहुंच चुका है.

इस तरह मन में आया स्टार्टअप का ख्याल
लोकल-18 से खास बातचीत करते हुए अशोक कुमावत ने कहा कि जोधपुर के एक विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग करने के बाद मिस्र चला गया. फिर वहां से जर्मनी पहुंच गया. यहां करीब 6 महीने बतौर रोबोट ट्रेनर नौकरी की. हर माह 2 लाख रुपए तनख्वाह मिलती थी. लेकिन, अपनों के लिए कुछ नया करने की इच्छा मुझे वापस गांव खींच लाई. उन्होंने बताया कि खेती-बाड़ी का काम पिताजी संभालते है. आंवले की कहानी मुझे शुरू से ही मालूम थी. कोविड़-19 के संक्रमण के बाद आंवला उत्पादों की बढ़ती मांग को पहचानते हुए मैंने इसी क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने की ठानी. काजरी से आंवला और मिलेट्स उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया. अपना उद्यम शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 25 लाख रुपए बैंक से लोन भी लिया.

आज एक करोड़ का टर्नओवर
अशोक कुमावत ने कहा कि उद्यम की शुरुआत खेत से हुई. लेकिन, परिवहन खर्च को देखते हुए जोधपुर औद्योगिक क्षेत्र में एक प्लॉट की खरीद करके प्रसंस्करण के काम आने वाली सभी मशीन स्थापित की. इसके बाद धीरे-धीरे काम ने रफ्तार पकड़ ली. बता दें कि अशोक ने साल 2020 मे अपना स्टार्टअप शुरू किया था. गौरतलब है कि एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत युवा अशोक कुमावत को सम्मानित भी कर चुके हैं.

10 बीघा क्षेत्र में लगाए 1 हजार आंवले के पेड़
परिवार के पास 35 बीघा जमीन है. 10 बीघा क्षेत्र में एक हजार पेड़ आंवले के लगे हुए है. बगीचा 14 साल का हो चुका है. उन्होंने बताया कि सालाना 80 हजार क्विंटल आंवले का उत्पादन होता है. लेकिन, भाव 8-10 रुपए किलो मिलते हैं. उन्होंने बताया कि इस स्टार्टअप के बाद आंवला निर्मित विभिन्न उत्पादों से 10 रुपए किलो बिकने वाला आंवला 200-250 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है. इसके अलावा बगीचे में 450 पौधे नींबू और 400 पेड़ जामुन के लगे हुए हैं. सिंचाई के लिए कुआं है. परम्परागत फसलों में प्याज, गेहूं, कपास, बाजरी का उत्पादन लेता हूं.

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2 लाख की नौकरी छोड़, शुरू किया स्टार्टअप, आज खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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