मध्यप्रदेश

Bhopal: Head Master Will Get Admission In Class 6 For Children Who Pass 5th In Government Schools, Admission C – Amar Ujala Hindi News Live

 स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि एमपी के सरकारी स्कूल से पांचवी क्लास पास होने वाले बच्चे का छठी क्लास में एडमिशन की जिम्मेदारी हेड मास्टर की रहेगी। उन्होने कहा है कि नई शिक्षा नीति के तहत सरकारी स्कूलों में नर्सरी में बच्चों को भेजने का प्रावधान कर रहे है। स्कूल शिक्षा विभाग 1 अप्रैल से प्रवेश उत्सव अभियान” चलाएगा। प्रवेश उत्सव अभियान में हम मुख्यमंत्री, मंत्रीगणों, विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों से सम्मिलित होने का आग्रह करेंगे। प्रवेश उत्सव अभियान के सभी लोग सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए बच्चों ओर उनके अभिभावकों से चर्चा करेंगे। 

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लोगों का नर्सरी स्कूल में भेजने का माइंड सेट 

शिक्षा मंत्री उदय प्रताप ने कहा कि सरकारी स्कूल में 6 वर्ष के बच्चे को स्कूल लेते हैं लोगों का माइंडसेट है कि बच्चों को नर्सरी में स्कूल भेजें। नई शिक्षा नीति के तहत हमने बदलाव किया है।सबसे पहले हमने नर्सरी की कक्षा शुरू की। एडमिशन की पद्धति को हम बदल रहे हैं।

30 सितंबर को 6 वर्ष पूरे होने वाले बच्चों को भी मिलेगा प्रवेश

स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा है कि अभी तक 30 अप्रैल तक 6 वर्ष पूर्ण होने पर हम एडमिशन दे रहे थे, वहीं इस वर्ष 30 सितंबर को 6 वर्ष के जो बच्चे होंगे उनको भी हम एडमिशन देंगे। इससे जो पिछले वर्ष बच्चों की संख्या कम आई थी उसमें भी बढ़ोतरी होगी। हम अभियान चला रहे हैं 1 अप्रैल को पूरे प्रदेश में प्रवेश उत्सव का अभियान चलाएंगे। मुख्यमंत्री और सारे मंत्री विधायक अपने-अपने क्षेत्र में शामिल होंगे। शासकीय स्तर पर सामाजिक स्तर पर और राजनीति से हटकर जनप्रतिनिधियों से हम आग्रह करेंगे कि इस अभियान में शामिल हो। और शासकीय स्कूलों में जाएं। 

हेडमास्टर पांचवी क्लास से निकलने वाले बच्चे का रखेंगे ख्याल 

स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा है कि जो बच्चा पांचवी क्लास में पढ़ता है और उसके बाद वह छठी क्लास में जाता है उसे हम अभी तक टीसी दे देते हैं। अब वह कहां जाएगा यह हमें पता नहीं होता है। इस बार हम उसमें परिवर्तन कर रहे हैं। इस बार जो बच्चा पांचवी के बाद स्कूल से निकाल कर जाएगा। उसे स्कूल के हेड मास्टर की जिम्मेदारी रहेगी कि वह मिडिल स्कूल में जाकर उस बच्चे का एडमिशन कराए। वहां हैंडोवर और टेकओवर की स्थित रहेगी। बच्चों के पेरेंट्स अगर ध्यान नहीं दे रहे हैं तो हमारे स्कूल के जो जिम्मेदार अधिकारी होंगे वह देंगे। वह उसे मिडिल स्कूल भेजेगा और मिडिल स्कूल का प्रिंसिपल हाई स्कूल भेजेगा। इस प्रकार की कैरी फॉरवार्ड की व्यवस्था हम शुरू कर रहे हैं। अभी तक बच्चे के माता-पिता टीसी लेकर चले जाते थे उनकी चिंता वही करते थे। लेकिन अब हमारे स्कूल के जिम्मेदार प्रिंसिपल बच्चों का ख्याल रखेंगे कि वह कहां पढ़ रहे हैं और एडमिशन हुआ कि नहीं हुआ।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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