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Success Story: फ्रूटी को घर-घर तक पहुंचाया, 17 की उम्र में कंपनी से जुड़ीं, बना डाला ₹8,000 करोड़ का ब्रांड

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Nadia Chauhan Success Story: 2003 में नादिया चौहान ने महज 17 साल की उम्र में फ्रूटी बनाने वाली कंपनी पारले एग्रो से जुड़ी और इसे 300 करोड़ से बढ़ाकर 8,000 करोड़ रुपये का ब्रांड बना डाला.

17 साल की उम्र में कंपनी से जुड़ी थीं नादिया चौहान

हाइलाइट्स

  • नादिया चौहान ने 17 की उम्र में पारले एग्रो जॉइन किया.
  • कंपनी को 300 करोड़ से 8000 करोड़ का ब्रांड बनाया.
  • 2030 तक कंपनी को 20,000 करोड़ का बनाने का लक्ष्य.

Nadia Chauhan Success Story: आपने कभी न कभी फ्रूटी जरूर पी होगी. फ्रूटी आज बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के बीच काफी फेमस है. देश की प्रमुख एफएमसीजी कंपनियों में से एक पारले एग्रो (Parle Agro) इसे बनाती है. मार्केट में फ्रूटी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. फ्रूटी को 8000 करोड़ रुपये का ब्रांड बनाने का श्रेय जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर नादिया चौहान को जाता है. वह इसे साल 2030 तक 20,000 करोड़ रुपये की कंपनी बनाना चाहती हैं.

साल 2003 में कंपनी के चेयरमैन प्रकाश जयंतीलाल चौहान की बेटी नादिया चौहान ने कंपनी की मार्केटिंग की जिम्मेदारी संभाली. वह ब्रांड मैनेजर से चीफ मार्केटिंग ऑफिसर और फिर जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर तक के पद पर पहुंची. जब वह 17 साल की उम्र में कंपनी से जुड़ी थी तो यह 300 करोड़ रुपये की कंपनी थी. आज पारले एग्रो 8,000 करोड़ रुपये की कंपनी है. कंपनी फ्रूटी के Appy Fizz और Bailley भी बनाती है. नादिया की अगुवाई में कंपनी ने फ्रूटी, ऐप्पी फिज और बैली जैसे ब्रांड्स को बड़े पैमाने पर विकसित किया. पार्ले एग्रो का बिजनेस 2022-23 में 8000 करोड़ रुपये का हो चुका है और फ्रूटी का रेवेन्यू करीब 4000 करोड़ रुपये था.

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
नादिया चौहान का जन्म एक बिजनेस फैमिली में हुआ था. नादिया ने छोटी उम्र से ही बिजनेस में रुचि दिखानी शुरू कर दी थी. उन्होंने मार्केटिंग और ब्रांडिंग की पढ़ाई की, जिससे उन्हें अपने पारिवारिक कारोबार को समझने और उसे नया रूप देने में मदद मिली. उनकी अगुवाई में पारले एग्रो ने अपनी ब्रांडिंग को मॉडर्न और यूथ-ओरिएंटेड बनाया.

सफलता की कहानी
साल 2005 में नादिया ने फ्रूटी की पैकेजिंग को टेट्रा पैक से पेपरबोट स्टाइल में बदला, जिससे इसकी बिक्री में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई. साल 2010 में उन्होंने ऐप्पी फिज लॉन्च किया, जो भारत में कार्बोनेटेड फ्रूट-ड्रिंक सेगमेंट में बड़ा ब्रांड बना. नादिया ने परले एग्रो को न केवल भारत में बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी स्थापित किया. नादिया चौहान इनोवेशन, कस्टमर सेंट्रिक अप्रोच और डिजिटल मार्केटिंग में एक्सपर्ट हैं. वह नई पीढ़ी की बिजनेस लीडर्स में से एक हैं, जिन्होंने भारत में बेवरेज इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव लाया.

मिल चुके हैं कई अवार्ड्स
नादिया को फॉर्च्यून इंडिया 40 अंडर 40, इकोनॉमिक टाइम्स 40 अंडर 40, और कई अन्य बिजनेस अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है.

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17 की उम्र में संभाला कारोबार, फ्रूटी को बना डाला ₹8,000 करोड़ का ब्रांड


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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