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Battle of Chachro: सिंध के चाचरों पर किया भारतीय सेना ने कब्‍जा, बदल दिया 1971 के भारत-पाक का पूरा रुख

India-Pakistan War 1971: भारत-पाक युद्ध 1971 का जिक्र ‘बैटल ऑफ चाचरो’ के बिना अधूरा है. बैटल ऑफ चाचरो ही वह निर्णायक लड़ाई थी, जिसने पाकिस्‍तानी सेना की न केवल रीड़ तोड़ दी, बल्कि पूर्वी पाकिस्‍तान में शर्मनाक हार के लिए मजबूर कर दिया. दरअसल, तत्‍कालीन पूर्वी पाकिस्‍तान में भारतीय सेना के प्रभाव को कम करने के लिए पाकिस्‍तान ने राजस्‍थान के लोंगेवाला बार्डर पोस्‍ट पर पहला हमला कर दिया. भारतीय सेना की जवाबी कार्यवाई के साथ 1971 के भारत-पाकिस्‍तान के युद्ध का आगाज हो गया. 

अब 1971 का भारत-पाकिस्‍तान युद्ध दो मोर्चों पर चल रहा था. पहला मोर्चा पूर्वी क्षेत्र में मुक्ति वाहिनी के साथ मिलकर भारतीय सेना लड़ रही थी. वहीं, दूसरा मोर्चा अब राजस्‍थान के लोंगेवाला बार्डर पोस्‍ट पर खुल चुका था. इसी बीच, पाकिस्‍तान को लगा कि भारतीय सेना अब दो हिस्‍सों में बंट चुकी है. पाकिस्‍तान को लगा कि एक और नया मोर्चा खोलकर भारतीय सेना को कमजोर किया जा सकता है. इसी मंसूबे के तहत उसने राजस्‍थान के बाड़मेर की तरफ से हमला बोल दिया. इस हमले में पाक सेना अपनी दोगुनी ताकत के साथ जंग के मैदान में उतरी थी.

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Tags: Bangladesh Liberation War, Indian army, Indian Army Pride, Indian Army Pride Stories, Indo-Pak War 1971


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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