ADMM-Plus बैठक: दिल्ली में आतंकवाद विरोधी रणनीति पर चर्चा.

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ADMM-Plus MEETING: आतंकवाद के भुग्तभोगी देश हर तरह के आतंकवाद से निपटने लिए एक जुट हो रहे है. भले ही आपसे में रिश्ते कितने भी तल्ख हो इस मुद्दे पर एकजुट हो ही जाते है. ASEAN रक्षामंत्रियों की बैठक प्लस में भी …और पढ़ें
ASEAN देशों का दिल्ली में होगा मंथन
हाइलाइट्स
- भारत में ASEAN रक्षामंत्रियों की बैठक होगी.
- अमेरिका-रूस मिलकर काउंटर टेरेरिज्म पर रोडमैप बनाएंगे.
- बैठक में 10 ASEAN देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.
ADMM-Plus MEETING: दुनियां में बड़ी तेजी से आतंकवाद नई शक्ल लेता जा रहा है. तकनीक का सहारा लेकर वह दुनिया के तमाम देशों के सामने चुनौती पेश कर रहा है. इस चुनौतियों से निपटने के लिए ADMM-Plus यानी ASEAN देश के रक्षामंत्रियों की बैठक में नए रोड़ मैप पर चर्चा होगी. यह बैठक दिल्ली में 19 मार्च से 20 मार्च को आयोजित की जा रही है. “ASEAN रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस”की आतंकवाद विरोधी एक्सपर्ट वर्किंग ग्रुप (EWG) की 14वीं सालाना बैठक है. यह बैठक भारत और मलेशिया संयुक्त रूप से आयोजिक कर रहे हैं. इस बैठक में 10 ASEAN देशों जिसमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ PDR, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, वियतनाम, सिंगापुर और थाईलैंड के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.
अमेरिका-चीन-रूस होंगे एक साथ
ASEAN देशों के अलावा 8 अन्य डॉयलॉग पार्टनर देश इस बैठक का हिस्सा होंगे. रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयना में कहा गया कि ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, जापान, चीन, अमेरिका और रूस के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल होंगे. भारत पहली बार आतंकवाद विरोधी एक्सपर्ट वर्किंग ग्रुप की सह-अध्यक्षता कर रहा है. इस बैठक की शुरुआत रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह 19 मार्च को करेंगे. साल 2024 से 2027 के दौरान होने वाली काउंटर टेरेरिज्म बैठकों का प्लान तैयार होगा. इस बैठक का मकसद है कि आतंकवाद और उग्रवाद के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए एक मजबूत और व्यापक रणनीति तैयार करना है.
काउंटर टेरेरिज्म का बनेगा रोडमैप
ADMM-Plus एक ऐसा मंच है जो भागीदार देशों के रक्षा विभागों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है. मौजूदा समय में यह 7 अगल अलग क्षेत्रों पर फोकस किया जा रहा है. इनमें काउंटर टेरेरिज्म, मेरिटाइम सिक्योरिटी, HADR ऑपरेशन,पीसकीपिंग ऑपरेशन, मिलेट्री मेडिसिन, मानवीय खदान उन्मूलन और साइबर सुरक्षा शामिल है. इस सब क्षेत्रों में सहयोग को बेहतर बनाने के लिए एक्सपर्ट वर्किंग ग्रुप की स्थापना की गई है. EWG की सह-अध्यक्षता हर ASEAN सदस्य देश और एक डॉयलॉग पार्टनर देश को हर तीन साल के साइकल के आधार पर की जाती है.भारत साझेदार देश है इसलिए इसके सह आयोजन की जिम्मेदारी भारत के पास है. यह मंच कई तरह के नए समिकरणों को भी पैदा करता है. मसलन भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद अब शांत है. पिछले साल दोनों देशों के LAC पर समझौते के बाद लाओस में ADMM-Plus की बैठक की साइडलाइन में भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की मुलाकत हुई थी.
March 16, 2025, 13:01 IST
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