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Russia Ukraine ceasefire: रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति की कोशिशें जारी हैं, जिसमें अमेरिका और भारत दोनों सक्रिय हैं. पुतिन ने सीजफायर डील पर सहमति जताई और पीएम मोदी की कोशिशों की सराहना की.
रूस-यूक्रेन युद्ध: पुतिन ने भारत की अहमियत बताई, मोदी को दिया धन्यवाद
हाइलाइट्स
- पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष पर पीएम मोदी के प्रयासों की सराहनी की है.
- रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति की कोशिशें जारी हैं, ट्रंप अगुवा बने हुए हैं.
- पुतिन ने सीजफायर डील पर सहमति जताई, मगर कुछ शर्तें रखी हैं.
रूस-यूक्रेन युद्ध में अब शांति की राह तलाशी जा रही है. पीस यानी शांति पर बातचीत की कोशिशें जारी हैं. ट्रंप के राज में अमेरिका इसका अगुवा बनना चाहता है. ट्रंप चाहते हैं कि वह रूस और यूक्रेन के बीच शांति कराकर अमेरिका चौधरी बन जाए. हालांकि, यह भी हकीकत है कि अमेरिका ही वह देश है, जिसने सबसे अधिक युद्ध वाली आग में घी डाला. आज जो अमेरिका कर रहा है, वह महीनों पहले से भारत कर रहा है. भारत काफी समय से यूक्रेन और रूस के बीच जंग खत्म कराने में जुटा है. पीएम मोदी ने इसके लिए तो दोनों देशों की यात्रा तक की. युद्ध काल में ऐसा करने वाले वह पहले नेता हैं. मगर जैसे ही अमेरिका में ट्रंप की सरकार आई, उन्होंने अमेरिका की नीति में बदलाव किया.
जी हां, अमेरिका अब रूस-यूक्रेन के बीच शांति कराने में जुट गया. मगर उसने एक चीज यहां गलत कर दी. शांति की राह तलाशने में वह भारत और उसकी कोशिशों को भूल गया. रूस-यूक्रेन जंग के पीस वाले फ्रेम से भारत को दूर करने की कोशिश की. मगर सालों की भारत की कोशिश कैसे जाया जाती. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने दोस्ती की लाज रखी. व्लादिमीर पुतिन ने एक झटके में अमेरिका समेत पूरी दुनिया को भारत की अहमियत बता दी. अब आपके मन में सवाल होगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ. कैसे पीएम मोदी की अचानक चर्चा होने लगी. तो आपको पुतिन का वह बात जाननी चाहिए, जो उन्होंने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ कही.
रूस ने बताई भारत की अहमियत
दरअसल, व्लादिमीर पुतिन सीजफायर डील पर सहमत हो गए हैं. जवब रूस-यूक्रेन युद्ध पर बात कर रहे थे तो वह उन देशों का नाम लेना नहीं भूले जो काफी समय से शांति की राह तलाशने में जुटे हैं. अमेरिका की तरफ से यूक्रेन में 30 दिन के सीजफायर के प्रस्ताव पर पहली बार पुतिन ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया दी. ट्रंप को शुक्रिया कहना लाजिमी था. कारण कि सीजफायर के अगुवा वही हैं. मगर सीजफायर डील पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत का भी जिक्र किया. इतना ही नहीं, उन्होंने पीरी दुनिया के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूक्रेन संघर्ष पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद दिया.हालांकि, इस दौरान उन्होंने चीन, ब्राजील और साउथ अफ्रीका को भी शुक्रिया किया.
पुतिन असल में क्या कहा
व्लादिमीर पुतिन ने कहा, ‘सबसे पहले मैं यूक्रेन मामले पर इतना ध्यान देने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति मिस्टर ट्रंप का आभार व्यक्त करना चाहता हूं. हम सभी के पास अपने-अपने काम हैं, लेकिन कई राष्ट्राध्यक्षों ने, जैसे भारत के प्रधानमंत्री, चीन के राष्ट्रपति, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीकी गणराज्य के राष्ट्रपति, इस मुद्दे पर बहुत समय दिया है और हम उनके आभारी हैं. क्योंकि यह सब युद्ध को रोकने और मानव हताहतों को रोकने के नेक काम के लिए है.’ रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यह भी कहा कि वह यूक्रेन में 30 दिन के युद्धविराम के अमेरिकी प्रस्ताव से सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं, मगर शर्तों पर काम करने की ज़रूरत है. उन्होंने जोर देकर कहा कि इससे स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त होना चाहिए.
भारत का रोल कैसे है अहम
यूक्रेन जंग पर पुतिन का पूरी दुनिया के सामने भारत और पीएम मोदी का आभार जताना बड़ी बात है. इसकी बड़ी वजह है कि अमेरिका सीजफायर डील का क्रेडिट खुद लेने में लगा है. मगर अमेरिका उन प्रयासों को दरकिनार नहीं कर सकता, जो भारत महीनों से कर रहा है. अलग-अलग मंचों पर पीएम मोदी भारत का स्टैंड रख चुके हैं. यूक्रेन जंग पर पीएम मोदी बार-बार दोहरा चुके हैं कि भारत तटस्थ नहीं है, बल्कि वह शांति का पक्षधर है. पीएम मोदी रूस और यूक्रेन में जाकर भी कह चुके हैं कि दुनिया का भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध में है. पीएम मोदी जब पिछले साल पुतिन और जेलेंस्की से अलग-अलग मिले तब भी उन्होंने जंग खत्म करने को लेकर खूब समझाया. इसका असर ही है कि पुतिन जंग खत्म करने को तैयार हैं. इस तरह ट्रंप भारत की कोशिशों को भूल नहीं सकते.
Delhi,Delhi,Delhi
March 14, 2025, 13:15 IST
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