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Ban On Child Labour, Exploitation And Begging In Umaria District – Madhya Pradesh News

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उमरिया जिले में बाल श्रम रोकने, बच्चों के शोषण को समाप्त करने और भिक्षावृत्ति पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने के उद्देश्य से कलेक्टर और जिला दंडाधिकारी धरणेन्द्र कुमार जैन ने सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने शासन के निर्देशानुसार और संबंधित अधिनियमों के परिपालन में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत पूरे जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। इसके तहत बाल श्रम, बच्चों का शोषण और भिक्षावृत्ति पूर्णतः प्रतिबंधित किए गए हैं।

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बाल श्रम के उन्मूलन के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15, 24, 39 और 45 में प्रावधान किए गए हैं, जिनके अंतर्गत बच्चों को शोषण से बचाने और शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार सुनिश्चित किया गया है। इसके अलावा, निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, मध्य प्रदेश भिक्षावृत्ति निवारण अधिनियम 1974, मध्य प्रदेश नियम 1977, किशोर न्याय अधिनियम 2015, बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 (संशोधन 2016 और नियम 2017) इन सभी कानूनों के तहत बच्चों को श्रम से दूर रखने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी व्यवस्था की गई है। 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी प्रकार के श्रम में नियोजित करना पूर्णतः प्रतिबंधित है। 18 वर्ष से कम आयु के किशोरों को किसी भी खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया में कार्य कराना दंडनीय अपराध है। बच्चों को भीख मांगने के लिए मजबूर करना, उनका शोषण करना या शिक्षा से वंचित रखना अवैध और दंडनीय कृत्य माना जाएगा।

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कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने निर्देश के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति या संस्था बच्चों को श्रम के लिए मजबूर करती है, खतरनाक कार्यों में लगाती है या भिक्षावृत्ति कराती है, तो उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और समाजसेवी संगठनों की एक संयुक्त टीम गठित की गई है। यह टीम नियमित रूप से निरीक्षण करेगी और बाल श्रम, शोषण या भिक्षावृत्ति के मामलों पर त्वरित कार्रवाई करेगी। इसके अतिरिक्त, समाज में जागरूकता लाने के लिए स्कूलों, सार्वजनिक स्थलों और ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान चलाए जाएंगे। प्रशासन का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा से जोड़ना, उन्हें सुरक्षित वातावरण देना और उनके उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करना है।

नागरिकों से सहयोग की अपील

कलेक्टर ने आम नागरिकों, समाजसेवी संगठनों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों से अपील की है कि वे इस प्रतिबंध का पालन करें और बाल श्रम, शोषण या भिक्षावृत्ति से जुड़े किसी भी मामले की सूचना प्रशासन को दें। उन्होंने कहा कि समाज के हर नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि वह बच्चों के अधिकारों की रक्षा में अपना योगदान दे।

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