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घटनास्थल की स्थिति और शव की दशा को देखते हुए पुलिस को प्रथम दृष्टया हत्या की आशंका हुई। जांच के दौरान पुलिस ने मृतक के बड़े पुत्र मुनेश्वर सिंह (21) को शक के आधार पर हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। शुरू में वह पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करता रहा, लेकिन कड़ी पूछताछ के बाद उसने अपना अपराध कबूल कर लिया।
पुलिस को दिए गए बयान में आरोपी मुनेश्वर सिंह ने बताया कि घटना 1 मार्च 2025 की रात की है। उसका पिता रायसेन सिंह शराब के नशे में धुत होकर घर आया और उसकी मां और पत्नी के साथ मारपीट करने लगा। जब मुनेश्वर बीच-बचाव करने आया, तो उसके पिता ने उससे भी हाथापाई शुरू कर दी। इस पर विवाद इतना बढ़ा कि पिता ने उसके एक साल के बच्चे को उठाकर फेंक दिया। जिससे उसे गुस्सा आ गया। इसके बाद उसने डंडे से पिता को पीटना शुरू कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। हत्या के बाद अपने अपराध को छिपाने के लिए अरोपी मुनेश्वर ने अपने छोटे भाई के साथ मिलकर शव को ठिकाने लगाने की साजिश रची। दोनों भाइयों ने शव को बाइक पर रखा और सुखनारा पुल के पास झाड़ियों में फेंक दिया, ताकि किसी को संदेह न हो।
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हत्या को अंजाम देने के बाद आरोपी मुनेश्वर ने 6 मार्च को नौरोजाबाद थाने में अपने पिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई। वह खुद ही अपने पिता की तलाश करने का नाटक करता रहा, ताकि किसी को उस पर शक न हो। हालांकि, पुलिस ने जांच शुरू की तो मामला संदिग्ध लगने लगा। पुलिस ने रायसेन सिंह के परिवार और पड़ोसियों से पूछताछ की तो कुछ विरोधाभासी बयान सामने आए, जिससे जांच की दिशा मुनेश्वर की ओर मुड़ गई।
पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझाने के बाद आरोपी मुनेश्वर सिंह और उसके नाबालिग भाई के खिलाफ बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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