सीहोर नगर पालिका ने बकाया राशि वसूली को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। नगरीय प्रशासन आयुक्त के निर्देश पर शहर में व्यापक स्तर पर वसूली अभियान चलाया जा रहा है। मंगलवार को राजस्व अधिकारी संजय शुक्ला के नेतृत्व में वार्ड क्रमांक 32 के गणेश मंदिर रोड पर स्थित 14 कारखानों में तालाबंदी की गई।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी भूपेंद्र दीक्षित ने बताया कि जल कर, संपत्ति कर और दुकान किराए की बकाया राशि करोड़ों रुपये तक पहुंच गई है। नगर पालिका ने चेतावनी दी है कि 20,000 रुपये से अधिक संपत्ति कर बकायादारों की संपत्ति कुर्क की जाएगी, जबकि एक वर्ष से अधिक जल कर बकाया होने पर नल कनेक्शन काटे जाएंगे। मंगलवार को नगर पालिका की टीम पलंग, पेटी, अलमारी, कूलर, पंखा और अन्य सामान बनाने वाले कारखानों पर पहुंची और तालाबंदी की। इन कारखानों के संचालकों को दो से तीन बार संपत्ति कर जमा करने के लिए नोटिस जारी किया जा चुका था, लेकिन लगातार चेतावनी के बावजूद उन्होंने भुगतान नहीं किया। राजस्व अधिकारी संजय शुक्ला ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
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प्रत्येक नागरिक के लिए टैक्स समय पर जमा करना आवश्यक है, क्योंकि इसी राशि से नगर पालिका सीसी रोड, नाली निर्माण और सौंदर्यीकरण जैसे विकास कार्य करती है। यदि कर समय पर नहीं चुकाया गया तो विकास कार्य प्रभावित होंगे और इसका खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ेगा। नियमित टैक्स भुगतान से नागरिकों पर वित्तीय भार भी नहीं बढ़ेगा और नगर पालिका को वसूली के लिए अतिरिक्त मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी।
नगर पालिका प्रशासन का कहना है कि शहर में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए टैक्स वसूली जरूरी है। पहले बकाया राशि हजारों में थी, लेकिन अब यह लाखों से करोड़ों में पहुंच गई है। पूर्व में भी वसूली के प्रयास किए गए, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिली। अब नगरीय प्रशासन आयुक्त के कड़े निर्देशों के बाद लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।