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छतरपुर में राष्ट्रीय बौद्ध महासभा की जिला इकाई ने एक मांग उठाई है। महासभा ने महाबोधि महाविहार बौद्ध गया का पूर्ण नियंत्रण बौद्ध समाज को सौंपने की मांग की है।
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सोमवार को मेला ग्राउंड में एकत्रित हुए बौद्ध समाज के लोगों ने रैली निकाली। इसके बाद कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। भंते महानाम ने बताया कि महाबोधि महाविहार गौतम बुद्ध की ज्ञान स्थली है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है।
वर्तमान में बौद्धगया मंदिर अधिनियम 1949 के तहत महाविहार की प्रबंधन कमेटी में चार गैर बौद्ध और चार बौद्ध सदस्य हैं। कमेटी के अध्यक्ष गया जिले के कलेक्टर होते हैं। बौद्ध समाज का कहना है कि यह अधिनियम असंवैधानिक है।
भंते महानाम ने कहा कि गैर बौद्धों द्वारा महाविहार के मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। विश्व शांति के इस केंद्र पर नियमित रूप से शांति भंग हो रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह अन्य धर्मों के लोगों को अपने धार्मिक स्थलों के प्रबंधन का अधिकार है, वैसे ही महाबोधि महाविहार का प्रबंधन भी बौद्धों को मिलना चाहिए।
इस अवसर पर ग्रमानंद, मंजिस सिंह, संजू सुमन, काशीप्रसाद अहिरवार, आशाराम अहिरवार सहित बौद्ध समाज के कई लोग उपस्थित थे।
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