रालामंडल अभयारण्य से खुशखबरी है कि यहां के जंगली जानवरों का कुनबा 1000 से ज्यादा हो चुका है। खासतौर पर डियर सफारी एरिया में चीतल, सांभर और कृष्णमृग के झुंड आसानी से देखे जा सकते हैं। इनकी संख्या में लगातार तेजी से इजाफा हो रहा है। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या डियर सफारी का क्षेत्र इन जानवरों के लिए पर्याप्त है या नहीं? कहीं बढ़ती संख्या के कारण वर्चस्व के लिए संघर्ष तो नहीं हो रहा? इन सवालों के जवाब जानने के लिए डियर सफारी और एनिमल जोन में जंगली जानवरों का सर्वे किया जाएगा।
गर्मी में हर जगह करेंगे पीने के पानी की व्यवस्था
रालामंडल अभयारण्य 247 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें चीतल, सांभर, कृष्णमृग और नीलगाय का कुनबा तेजी से बढ़ रहा है। अब यहां 15 से 20 की संख्या में हिरण प्रजाति के झुंड आसानी से नजर आ जाते हैं। रालामंडल अधीक्षक योहाना कटारा के अनुसार, अभयारण्य में पीने के पानी की 12 महीने पर्याप्त व्यवस्था रहती है। जून से दिसंबर तक बारिश का पानी एनिमल जोन के विभिन्न कुंडों में भरा रहता है। जनवरी से मई के दौरान बोरिंग और टैंकर के माध्यम से पानी भरा जाता है।
भोजन के लिए भुट्टे भी लगाए
भोजन के लिए यहां पर्याप्त मात्रा में घास, अरहर और कुछ स्थानों पर भुट्टे भी लगाए गए हैं। इसके अलावा, रालामंडल अभयारण्य में शिकारियों के प्रवेश की कोई गुंजाइश नहीं है, जिससे जंगली जानवरों का कुनबा तेजी से बढ़ता जा रहा है। इनकी बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने अभयारण्य में सर्वे की योजना बनाई है। फिलहाल अभयारण्य में पर्याप्त जगह उपलब्ध है, लेकिन अगर संख्या लगातार बढ़ती रही तो भविष्य में कुछ जानवरों को जंगलों में भी छोड़ा जा सकता है।
तेंदुए का मूवमेंट लगातार मिल रहा
जू के मुकाबले रालामंडल में हिरणों के लिए अधिक खुली जगह है। यहां हिरणों को अक्सर लंबी छलांग भरते हुए देखा जा सकता है। कई बार तेंदुआ भी यहां शिकार के लिए घात लगाता है, लेकिन खुले मैदान और घास के क्षेत्र में उसे शिकार करने में मुश्किल होती है। वन विभाग का अमला रात में एनिमल जोन में गश्त करता है, जिससे कई बार शिकार किए हुए जानवर भी दिख जाते हैं। रालामंडल में वन्यजीवों की सुरक्षा और उनकी संख्या पर नजर रखने के लिए इस सर्वे को जल्द ही शुरू किया जाएगा।
किस प्रजाति के कितने जानवर
05 तेंदुए
90 चीतल
65 कृष्णमृग
105 नीलगाय
30 लकड़बग्घे
15 लोमड़ी
55 जंगली सूअर
25 सियार
05 चिंकारा
10 भेड़की
600 मोर