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निवाड़ी में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित लोक अदालत में दो परिवारों के टूटे रिश्ते फिर से जुड़ गए। सालों से अलग रह रहे दो दंपतियों ने आपसी सहमति से एक होने का निर्णय लिया।
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पहले मामले में एक दंपती लंबे समय से आपसी मतभेदों के कारण अलग रह रहे थे। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज कर वैवाहिक जीवन को संवारने की सलाह दी। इस पर पति-पत्नी ने एक होने का फैसला लिया।
पत्नी नेहा ने भावुक होकर कहा कि महिला दिवस पर उन्हें पति का साथ वापस मिलना सबसे बड़ा तोहफा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए, साथ ही परिवार को बचाने के लिए भी पहल करनी जरूरी है।

लोक अदालत में दो परिवारों में सुलह कर घर भेजा गया।
दूसरे मामले में राम जीवन साहू और उनकी पत्नी के बीच सुलह हुई। अदालत में हुई काउंसलिंग और अधिवक्ताओं की समझाइश से दोनों ने अपने रिश्ते को दूसरा मौका देने का फैसला किया। राम जीवन ने कहा कि परिवार से बड़ा कुछ नहीं होता।
अधिवक्ता रविंद्र कुमार खरे ने बताया कि लोक अदालत न्याय दिलाने के साथ-साथ परिवारों को जोड़ने का भी काम कर रही है। इस तरह महिला दिवस के अवसर पर न्याय व्यवस्था की सकारात्मक भूमिका सामने आई।
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