Home मध्यप्रदेश Learned to grow roses from Amrit Udyan of Rashtrapati Bhavan | राष्ट्रपति...

Learned to grow roses from Amrit Udyan of Rashtrapati Bhavan | राष्ट्रपति भवन के अमृत उद्यान से सीखा गुलाब उगाना: इटारसी में रोजाना 800 घरों में फूलों की डिलीवरी, हर साल 20 लाख कमाई – Itarsi News

41
0

[ad_1]

सहालग में फूलों की मांग भी बढ़ जाती है। गुलाब का फूल हर किसी को पसंद होता है। वैसे, तो इसकी मांग सालभर रहती है, लेकिन शादियों के सीजन में इसकी डिमांड ज्यादा होती है। नकदी फसल होने से किसानों में भी गुलाब उगाने का चलन बढ़ा है।

.

दैनिक भास्कर की स्मार्ट किसान सीरीज में इस बार नर्मदापुरम जिले के किसान सुनील वर्मा से मिलवाते हैं। 12वीं पास सुनील ने 23 साल पहले पारंपरिक खेती छोड़कर गुलाब की खेती शुरू की थी। वर्तमान में 8 एकड़ जमीन पर गुलाब की खेती कर रहे हैं। उनकी प्ररेणा से आसपास क्षेत्र के किसान भी गुलाब उगा रहे हैं।

इटारसी के गांव तीखड़ के रहने वाले हैं। सुनील पहले गेहूं और सोयाबीन की खेती से प्रति एकड़ मात्र 35 हजार रुपए की कमाई करते थे। 2001 में उन्होंने 13 गुलाब के पौधे लगाकर गुलाब की खेती की शुरुआत की। वर्तमान में 8 एकड़ में फूल और गुलाब जल बेचकर सालाना 12 लाख का प्रॉफिट हो रहा है। आठ लोगों को रोजगार भी दे रखा है।

सुनील वर्मा 8 एकड़ में गुलाब के फूल की खेती करते हैं।

सुनील वर्मा 8 एकड़ में गुलाब के फूल की खेती करते हैं।

नोएडा के IIHT और लखनऊ के सीमैप से ट्रेंनिग

सुनील बताते हैं कि मेरे पास आठ एकड़ जमीन है। साल 2001 की बात है। तब पारंपरिक खेती करता था। इसमें मुनाफा भी कम होता थाा। कृषि विभाग के अधिकारियों ने फूलों की खेती के बारे में बताया। बात जम गई। कृषि विभाग से जुड़कर नई तकनीक सीखी। नोएडा के IIHT और लखनऊ के सीमैप से प्रशिक्षण लिया। खेती शुरू करने से पहले दिल्ली, कोल्हापुर, नागपुर समेत कई शहरों का दौरा किया। राष्ट्रपति भवन के अमृत गार्डन (पहले मुगल गार्डन) और नागपुर एनआरसीसी जैसे प्रतिष्ठित स्थानों से फूल उगाने की टेक्नीक सीखी। महाराष्ट्र के सांगली और सतारा में भी ट्रेंनिग ली।

800 परिवारों तक पहुंचा रहे फूल

सुनील ने बताया, ‘2001 में गुलाब की 20 कलम लाकर खेती करना शुरू किया। उस समय पेट्रोल 23 रुपए प्रति लीटर हुआ करता था। इन पौधों से पेट्रोल के रुपए निकाल लेता थे। पैसे मिलने के साथ- साथ ललक बढ़ती गई। अब 8 एकड़ में खेती कर रहा हूं। सुबह 4 बजे से खेत में फूल तोड़ने जाता हूं। परिवार के लोग भी मदद करते हैं। सुबह 9:30 तक बाइक से 800 परिवारों तक गुलाब के फूल डोर-टू-डोर पहुंचा रहा हूं।’

मुंबई, गुजरात तक गुलाबजल की सप्लाई

सुनील बताते हैं कि फूलों की बिक्री नहीं होती है, तो इसका गुलाब जल बनाया जाता है। 10 किलो गुलाब में 5 लीटर गुलाब जल तैयार हो जाता है। एक लीटर गुलाब जल की कीमत 300 रुपए है। यह गुलाब जल मुंबई और गुजरात तक भेजा जाता है।

20 साल पहले दिल्ली के राष्ट्रपति के अमृत उद्यान में सीमैप लखनऊ की ओर से यहां प्रदर्शनी लगाई गई थी। यहां गुलाब जल की तरह-तरह की मशीन भी आई थी। 20 साल पहले मैंने 65 हजार रुपए की मशीन खरीदी।

सुनील बताते हैं कि गुलाब की खेती की बहुत ज्यादा देखभाल करनी पड़ती है।

सुनील बताते हैं कि गुलाब की खेती की बहुत ज्यादा देखभाल करनी पड़ती है।

6 महीने में तैयार होता है अच्छा फूल देने वाला पौधा

सुनील का कहना है कि गुलाब का पौधा एक महीने में तैयार हो जाता है, लेकिन अच्छे फूल देने वाला पौधा 6 महीने में तैयार होता है। गुलाब की खेती करने के लिए ऐसी मिट्टी की जरूरत होती है, जो जल्दी पानी छोड़ दे। फूलों की खेती शेरा मिट्टी और रेतीली मिट्टी में की जाती है। एक बार अगर खेतों में गुलाब की खेती होती है, तो वह कम से कम 7 से 8 साल चलती है। इसके लिए अच्छी देखभाल की जरूरत पड़ती है, नहीं तो यह खेती 5 साल के बाद ही खराब हो जाती है।

कोविड में बिक्री आधी रह गई थी

सुनील कहते हैं कि फूलों की खेती में परिवार भी मदद करता है। इसके अलावा, 8 मजदूर भी रखे हैं, जिन्हें रोजाना 350 रुपए रोजाना देते हैं। सुनील वर्मा ने बताया कि कोविड में फूलों की सेल आधी हो गई थी। पेड़ों को खेतों में बचाने के लिए हम रोजाना फूल को तोड़कर खेतों में ही फेंक देते थे। हालांकि सामान्य हालत होने के बाद पहले की ही तरह मुनाफा होने लगा।

गुलाब के फूलों से गुलाबजल बनाकर भी बेचा जाता है।

गुलाब के फूलों से गुलाबजल बनाकर भी बेचा जाता है।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here