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फिल्म पहले भी रायपुर में प्रदर्शित होकर समाज को दे चुकी है प्रेरणा।
बैतूल की फिल्म ‘बिटिया रानी’ को ‘ग्वालियर शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल 2025’ में प्रदर्शन के लिए चुना गया है। 171 फिल्मों में से केवल 30 फिल्मों का चयन किया गया, जिनमें ‘बिटिया रानी’ भी शामिल है।
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फिल्म महोत्सव 8 और 9 मार्च को आईआईटीएम, ग्वालियर में आयोजित होगा। इस दौरान 200 से ज्यादा फिल्म निर्माता और 100 से ज्यादा शॉर्ट फिल्म, रील और डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन होगा। फिल्म इंडस्ट्री के विशेषज्ञ फिल्म निर्माण का प्रशिक्षण भी देंगे।
मां ने बेटी को पढ़ा-लिखाकर बनाया डॉक्टर ‘बिटिया रानी’ एक विधायक परिवार की विधवा बहू की कहानी है। गर्भ में बेटी होने का पता चलने पर सास गर्भपात के लिए दबाव डालती है। जेठानी और देवरानी की मदद से बहू अपने मायके चली जाती है। वहां वो बेटी को जन्म देती है और उसे पढ़ा-लिखाकर एमबीबीएस एमडी डॉक्टर बनाती है।

डॉक्टर बनी बेटी ने भाई को बचाकर दादी की बदली सोच।
दादी को हुआ अपनी गलती का एहसास कहानी में मोड़ तब आता है जब उसी परिवार के इकलौते पोते को ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है। डॉक्टर बनी वही बेटी पोते का सफल ऑपरेशन करती है। तब दादी को एहसास होता है कि जिसे वो कलंक मान रहीं थीं, वही परिवार की रक्षक बनी।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश फिल्म पहले छत्तीसगढ़ शॉर्ट फिल्म महोत्सव, रायपुर में भी प्रदर्शित हो चुकी है। ये फिल्म बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के संदेश को प्रभावी तरीके से दर्शाती है और समाज में बेटियों के महत्व को उजागर करती है।
सतपुड़ा चलचित्र समिति ने स्क्रीनिंग के लिए चुना ‘बिटिया रानी’ का निर्माण उत्तम दीक्षित फिल्म्स के बैनर तले किया गया और इसे भारतीय चित्र साधना से संबद्ध ‘सतपुड़ा चलचित्र समिति एवं विश्व संवाद केंद्र ने फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग के लिए चुना है। बिटिया रानी’ की निर्माता आशा दीक्षित हैं। फिल्म में श्रेया पिपले, संगीत अवस्थी, माधुरी साबले और पंकज सोनी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। फिल्म निर्देशक उत्तम दीक्षित ने बताया कि ये फिल्म महिलाओं और बेटियों की स्थिति पर एक सशक्त संदेश देगी।
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