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अशोक गहलोत और मणिशंकर अय्यर की फाइल फोटो
जयपुरः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को अपने पार्टी के सहयोगी मणिशंकर अय्यर पर जमकर निशाना साधा और उन्हें ‘सिरफिरा’ (पागल व्यक्ति) तक कह डाला। अशोक गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए मणिशंकर अय्यर की निंदा की और कहा कि यह बयान अय्यर की ‘हताशा’ की पराकाष्ठा को दर्शाता है।
मणिशंकर अय्यर पर बरसे गहलोत
अशोक गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि जिस रूप से राजीव गांधी के बारे में अचानक टिप्पणियां (अय्यर की टिप्पणी) की गयी हैं, वह हताशा की पराकाष्ठा हैं। इतनी हताशा में व्यक्ति क्या बोलता है, उसको खुद को ही समझ में नहीं आता। राजीव गांधी ने दुनिया के मुल्कों में भारत का मान बढ़ाया। गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में जो कानून पारित किए गए वे इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिख गए और उस व्यक्ति के बारे में टिप्पणियों की जितनी निंदा की जाए कम है।
मणिशंकर अय्यर ने दिया था ये बयान
बता दें कि बीजेपी के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने बुधवार को ‘एक्स’ पर एक वीडियो क्लिप साझा किया, जिसमें मणिशंकर अय्यर को यह दावा करते हुए सुना जा सकता है कि राजीव गांधी को इंग्लैंड में शैक्षणिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, “जो व्यक्ति (राजीव गांधी) हवाई जहाज का पायलट था और दो बार विफल रहा, वह प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है?
कैम्ब्रिज में फेल होना बहुत ही मुश्किलः अय्यर
इंटरव्यू में अय्यर यह कहते सुने जा सकते हैं कि कैम्ब्रिज में फेल होना बहुत ही मुश्किल है। कैम्ब्रिज में प्रथम श्रेणी में पास होना आसान है लेकिन फेल होना मुश्किल। मैं उनके साथ पढ़ा था। क्योंकि यूनिर्वसिटी अपनी छवि बरकरार रखने के लिए कोशिश करती है। कम से कम लोग पास तो जाए। लेकिन इसके बावजूद राजीव फेल हो गए। अय्यर ने दिवंगत राजीव गांधी की भारत के प्रधानमंत्री बनने की योग्यता पर भी सवाल उठाया।
राहुल गांधी को लेकर कही ये बात
इंटरव्यू में उन्होंने ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का भी ज़िक्र किया। साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि राहुल गांधी कैसे काम करते हैं और कैसे निर्णय लेते हैं। उन्होंने कहा मैं उनके परिवार के इतिहास को जानता हूं। इससे मुझे लगता है कि वे शुरू में अक्षम लग सकते हैं, लेकिन जब वे चुनौतियों का सामना करते हैं और अपनी क्षमता दिखाते हैं तो बदलाव आता है।
इनपुट- भाषा
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