BRTS starts to be withdrawn from Indore | इंदौर से बीआरटीएस हटना शुरू: जीपीओ से शिवाजी वाटिका फिर नवलखा के डिवाइडर-रैलिंग हटाएंगे – Indore News

हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम बीआरटीएस हटाने में जुट गया है। शुक्रवार रात 11.30 बजे नगर निगम के 50 अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम जीपीओ चौराहे पर जमा हो गई। अफसरों के साथ जेसीबी और गैस कटर मशीन के साथ काम शुरू कर दिया गया। पूरा बीआरटीएस हटने तक आईब
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बॉटल नैक (संकरा रास्ता) होने के कारण निगम अधिकारियों को डिवाइडर-रैलिंग हटाने और मलबा साफ करने की चुनौती बनी हुई है। जोन क्रमांक 11 के जोनल अधिकारी गीतेश तिवारी ने बताया कि मलबा भी हाथों हाथ हटाया जाएगा।
शुक्रवार रात को जीपीओ से शिवाजी वाटिका के बीच का करीब आधा किमी का हिस्सा हटाया जाएगा। इसके बाद जीपीओ से नवलखा की ओर हटाने की कार्रवाई की जाएगी। सुबह तक यहां बेरिकेडिंग कर दी जाएगी। ताकि यातायात में समस्या न आए। डिवाइडर-रैलिंग हटाने का काम फिलहाल नगर निगम ही कर रहा है।
चार तस्वीरों में देखिए ऐसे हटा रहे डिवाइडर-रैलिंग
गैस कटर से लोहे की रैलिंग हटाई जा रही है। इसके बाद बीच के डिवाइडर को जेसीबी कटर से हटाया जा रहा है। इसके बीच में आ रहे लोहे के सरियों को भी गैस कटर से काटकर अलग किया जाएगा। सुबह होने से पहले मलबा हटा लिया जाएगा।

रैलिंग हटाने के बाद डिवाइडर को तोड़ा गया। यही प्रक्रिया पूरे बीआरटीएस पर अपनाई जाएगी। डिवाइडर के बीच से निकलने वाले लोहे के सरिये को गैस कटर से काटा जाएगा।

बीआरटीएस हटाने की कार्रवाई के दौरान अफसर और पचास से ज्यादा कर्मचारी शुक्रवार की पूरी रात डटे रहे। मलबा भी हाथों हाथ हटाते गए।
तीन स्टेशन भी प्रभावित होंगे
शिवाजी वाटिका से नवलखा चौराहे के बीच तीन बस स्टेशन भी हैं। डिवाइडर और रैलिंग हटाने के बावजूद इन्हें अभी नहीं हटाया जाएगा। यहां से यात्रियों को चढ़ने व उतरने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए नगर निगम बेरिकेडिंग भी करेगा।

बस स्टेशन हटाने का काम निजी एजेंसी को दिया जाना है। यह एजेंसी ही बस स्टैंड हटाने के साथ यहां का पूरा कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम भी हटाएगी।

जोन-11 के जोनल अधिकारी गीतेश तिवारी ने बताया कि शुक्रवार रात को रैलिंग हटाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। जितना संभव हो सकेगा डिवाइडर भी हटाएंगे पर उसमें थोड़ा ज्यादा समय लगेगा। कार्रवाई लगातार चलेगी।
महापौर बोले तीन से चार महीने का समय लगेगा प्रोजेक्ट पूरा होने में

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने दैनिक भास्कर को बताया कि पूरा प्रोजेक्ट हटाने में तीन से चार महीने का समय लगेगा। बीआरटीएस हटाने के लिए सरकार ने दूरदृष्टि के साथ निर्णय लिया है। सरकार के निर्णय पर ही हाईकोर्ट ने मुहर लगा दी है।
भार्गव ने कहा कि इसे हटाने का पूरा काम यह तकनीकी रूप से एजेंसी तय करके किया जाएगा। बीच-बीच में बने स्टेशनों पर लगे सॉफ्टवेयर और हार्डवेअर हटाए जाएंगे। स्क्रीन भी हटाई जाएगी। पूरा तोड़कर ठीक से रोड बनाने में कम से कम चार माह का समय प्रस्तावित है। इसके लिए नगर निगम मद से खर्च किया जाएगा। लेकिन मलबे से नगर निगम को इनकम भी होगी।
महापौर ने बताया कि बीआरटीएस हटने के बाद सड़क के दोनों ओर लेफ्ट की ओर से बसें चलाई जाएंगी। स्टेशन भी बनाए जाएंगे। ताकि यात्री वहां से टिकट ले सकें। सड़क के दोनों ओर बस स्टैंड भी बनाएंगे।
दो जनहित याचिकाएं दायर हुई थीं, दोनों पर साथ चली सुनवाई
बता दें कि इंदौर में निरंजनपुर से राजीव गांधी प्रतिमा तक करीब 11.5 किमी लंबा बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) बना हुआ है। इसे लेकर दो जनहित याचिकाएं हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में लगी थी। याचिकाओं को हाईकोर्ट की मुख्य पीठ (जबलपुर) ट्रांसफर कर दिया गया था। आज जबलपुर हाईकोर्ट ने इंदौर बीआरटीएस को हटाने के आदेश दिए हैं।

उपयोगिता जांचने के लिए बनी थी कमेटी
हाईकोर्ट ने मौजूदा परिस्थितियों में बीआरटीएस प्रोजेक्ट की उपयोगिता और व्यवहारिकता की जांच के लिए 5 सदस्यों की कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे। जिसमें सीनियर वकील अमित अग्रवाल के साथ ही आईआईएम और आईआईटी के डायरेक्टर की ओर से नॉमिनेट एक्सपर्ट्स शामिल थे।
हाईकोर्ट इसके पहले भी साल 2013 में बीआरटीएस की उपयोगिता और व्यवहारिकता की जांच के लिए कमेटी गठित कर चुका है।

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