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वन विभाग द्वारा निजी पूंजी निवेश से वनीकरण कराने के फैसले का आरएसएस से जुड़े संगठनों ने विरोध किया है।
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इसको लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मुलाकात कर कहा है कि इस नीति के लागू होने से वनों के वजूद को खतरा पैदा हो जाएगा। इससे सरकार के काम भी प्रभावित होंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पूरी तरह से विचार के बाद ही वन उत्थान नीति लागू करने का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से हाईपावर पेसा एवं वनाधिकार टास्क फोर्स ने आज भेंट की। निजी निवेश से वनों के उत्थान नीति के प्रस्ताव पर व्याप्त भ्रम से समिति के अध्यक्ष ने सीएम को अवगत कराया।
सीएम ने वनवासी कल्याण परिषद के प्रतिनिधि मंडल एवं हाईपावर टास्क फोर्स के सदस्यों से पेसा कानून एवं वनाधिकार कानून पर चर्चा की। आदिवासियों के हितों की रक्षा करते हुए, उनके सहयोग से वनों को सुधारने सभी के साथ मिलकर नई नीति के सभी पहलुओं पर मंथन कर नई नीति प्रस्तावित करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी सदस्यों से चर्चा की और आदिवासी समाज के लोगों से उलझन में न रहने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन, संस्कृति के अधिकारों की रक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बैठक में गिरीश कुबेर, राष्ट्रीय कैंपा सदस्य व टास्क फोर्स विशेष आमंत्रित सदस्य, सुभाष बड़ोले सह क्षेत्र संगठन मंत्री वनवासी कल्याण परिषद भोपाल, कालू सिंह मुजाल्दा आदिवासी मंत्रणा परिषद सदस्य, डॉ. रूपनारायण मांडवे आदिवासी मंत्रणा परिषद सदस्य व मुख्यमंत्री के आदिवासी मामलों के सलाहकार लक्ष्मण सिंह मरकाम, अपर सचिव और टास्क फोर्स सदस्य शामिल हुए।
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