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उत्तराखंड हिमस्खलन: माणा गांव में BRO कैंप में मजदूर फंसे, राहत कार्य जारी

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UTTRAKHAND AVALANCHE: मौसम की स्थिति में सुधार होते ही एसडीआरएफ की हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को हेलीकॉप्टर के जरिए घटनास्थल पर उतारा जाएगा. SDRF एवं जिला प्रशासन BRO और सेना के साथ समन्वय किया जा रहा है. SDR…और पढ़ें

भारत चीन LAC के करीब आया एवलॉन्च, माणा के पास BRO कैंप बर्फ के नीचे दफ्न

सर्च ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी

हाइलाइट्स

  • उत्तराखंड में हिमस्खलन से BRO कैंप बर्फ में दबा.
  • सेना और SDRF राहत बचाव कार्य में जुटी.
  • खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर ऑपरेशन नहीं.

UTTRAKHAND AVALANCHE: उत्तराखंड के पहले गांव माणा में शुक्रवार की सुबह डरावनी शुरू हुई. 28 फरवरी 2025 को सुबह करीब 07:15 बजे माणा और बद्रीनाथ के बीच स्थित BRO लेबर कैंप हिमस्खलन की चपेट में आ गया. पहाड़ से बर्फ तेजी और भारी मात्रा में सड़क की तरफ खिसकी. बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) का एक शेड और पास पड़े आठ कंटेनरों और एक शेड बर्फ के नीचे दब गए. इस हिम्सखलन में 57 मजदूर उसमें फंस गए. खबर मिलते ही सेना ने अपने राहत बचाव के काम को शुरू किया. भारतीय सेना की क्विक रिस्पांस टीम के 170 से ज्यादा सैनिक तुरंत घटनास्थल पर पहुंची. इस टीम में डॉक्टर, एंबुलेंस और उपकरणों से लैस कर्मी शामिल हैं. लगागतर बर्फ हटाने वाली मशीनों से बर्फ हटाई गई, रास्ता बनाया गया. सेना के जवान भारी बर्फबारी के बीच स्ट्रेचरों की मदद से पैदल घायलों को सुरक्षित स्थान में ले गए.

राहत बचाव युद्धस्तर पर जारी
सेना की टीम सुबह 8 बजे तक मौके पर मौजूद थी. सुबह 11:50 तक टीमों ने 8 में से 5 कंटेनरों को ढूंढ निकाला. इसमें 10 लोगों को बचाया गया.सभी जिंदा थे लेकिन इनमें से चार कर्मी हालत गंभीर थी. अभी भी बचे हुए तीन कंटेनरों के लिए तलाशी अभियान जारी है. इस इलाके में लगातार छोटे छोटे एवलांच अब भी आ रहे हैं. इससे बचाव अभियान में रफरात धीमी गति से चल रहा है. मौसम खराब और लगातार बर्फबारी होने के चलते हेलिकॉप्टरों से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू महीं हो पा रहा है. सड़क के रास्ते से भेजे गए रेस्क्यू टीम और अन्य मामग्री जल्दी से पहुंचाने की कोशिशे तेज है. GREF की टीम जोशीमठ और माणा के बीच सड़को पर पड़ी बर्फ को हटाने काम में जुटी है. सेना ने जोशिमठ से अतिरिक्त मेडिकल टीमें रवाना कर दी है. ITBP और SDRF टीम भी राहत बचाव के लिए मौके पर पहुंची है. इस वक्त 80 से 90 ITBP के जवान सेना के साथ राहत बचाव के काम को अंजाम दे रही हैं. पिछले दो दिन से इस पूरे इलाके का मौसम खराब है.

मुख्यमंत्री धामी कर रहे है मॉनिटर
उत्तराखंड ग्लेशियर हादसे पर गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी और डीजी आइटीबीपी से बात की. साथ ही केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. बर्फ के नीचे फंसे लोगों के राहत बचाव को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगाता नजर बनाए हुआ हैं. रेस्क्यू का लगातार अपडेट ले रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्री कार्यालय लगातार संपर्क में हैं.  इस राहत बचाव के काम में ITBP, NDRF, SDRF, सेना और स्थानीय प्रशासन भी लगी हुई है. फंसे हुए सभी लोगों को जल्द से जल्द निकालने के लिए लगातार प्रयास जारी है . मौसम खराब होने की वजह से हेलीकॉप्टर नहीं जा पा रहा है. शनिवार को मौसम खुलने की सम्भावना है. मौसम खुलने के बाद ही हेलिकॉप्टर ऑपरेशन शुरु किया जा सकेगा.

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